बदायूं रेप केस: 'शाम को बाहर न जाती पीड़िता तो नहीं होती घटना'...बयान पर विवाद के बाद NCW सदस्‍य ने दी सफाई

राष्‍ट्रीय महिला आयोग की सदस्‍य चंद्रमुखी देवी गुरुवार को बदायूं गैंगरेप कांड की पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंची। उन्‍होंने पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इस मामले में सही समय पर सही कार्रवाई की गई होती तो पीड़िता की जान बच सकती थी। इसके साथ ही महिला के शाम को घर से बाहर निकलने को लेकर उनकी ओर से सामने आए बयान पर विवाद खड़ा हो गया। इसके बाद चंद्रमुखी देवी ने एक वीडियो जारी कर इस पर अपनी सफाई दी। उन्‍होंने कहा कि बदायूं कांड को लेकर विभिन्न चैनलों में बयान देखा कि महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए लेकिन मैंने इस संदर्भ में ऐसी कोई बात नहीं कही।

चंद्रमुखी देवी के जिस बयान पर बवाल मचा उसमें उन्‍होंने था कि महिलाओं को कभी भी किसी के प्रभाव में समय-असमय नहीं पहुंचना चाहिए। यदि शाम के समय वो महिला नहीं गई होती या परिवार का कोई सदस्य साथ में होता तो शायद ऐसी घटना नहीं घटती। लेकिन ये सुनियोजित था, क्योंकि उसको फोन कर बुलाया गया। वो वहां गई। इस बयान के सामने आते ही विवाद खड़ा हो गया। कुछ संगठनों ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। उन्हें पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात करनी चाहिए थी। विवादित बयान देकर महिलाओं का अपमान किया है।
आलोचनाओं के बीच चंद्रमुखी देवी ने वीडियो जारी कर कहा कि यदि कहीं से भी उनके बयान से यह मतलब निकलता है तो वह बयान को वापस ले रही हैं। इसके साथ उन्‍होंने पीड़ित परिवार और महिलाओं से माफी मांगने की बात भी कही।

'पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं'
महिला आयोग की सदस्य ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह उससे संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने गैंगरेप की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अगर पुलिस चाहती तो महिला की जान बच सकती थी और घटना होने से भी बच सकती थी लेकिन पुलिस हादसा दिखाने के लिए लीपापोती करती रही। महिला 18 घंटे पड़ी रही। पुलिस ने एफआईआर लिखने में देरी की। महिला को जिला अस्पताल समय से नहीं पहुंचाया। आरोपियों पर समय से करवाई नहीं की गई। जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई। पुलिस की सक्रियता होती तो इतनी बड़ी और दरिंदगी वाली घटना नहीं होती। कहा कि महिलाओं को लेकर सरकार तो गंभीर है।

जानिए क्या है बदायूं का पूरा मामला
यूपी के बदायूं जिले के उघैती में पूजा करने गई 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। महिला के परिजन ने मंदिर के महंत सत्य नारायण और उसके दो साथियों पर गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया है। इस आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वेद राम और जसपाल को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी महंत फरार है और उसे गिरफ्तार करने के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। वहीं, मामले में इंस्पेक्टर रावेंद्र प्रताप सिंह की खुली लापरवाही सामने आई, जिस पर एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा और सीओ बिल्सी अनिरुद्ध सिंह प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने थानेदार को निलंबित कर दिया।