![PM Narendra Modi and Xi Jinping pm narendra modi and xi jinping](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2020/09/03/16_9/16_9_1/pm_narendra_modi_and_xi_jinping_1599143366.jpg)
क्वाड टीका पहल के साथ कई अन्य मुद्दों पर भारत की हिंद प्रशांत क्षेत्र में भूमिका बढ़ने वाली है। आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी से जुड़े क्षेत्रों में भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया मजबूती से खड़े होंगे। चीन क्वाड के शीर्ष नेतृत्व की बैठक और व्यापक सहयोग को लेकर बन रही समझ से चिंतित है।
जानकारों का कहना है कि चीन की चिंता यह भी हो है कि क्वाड अब नियमित सम्मेलन स्तर का मंच बनने जा रहा है। चारों देशों के नेता आपसी सहयोग को विस्तार देने पर सहमत हैं। ये समझ रणनीति, सामरिक संबंध और व्यापार सहित इलाके की आतंकवाद और साइबर आतंकवाद की बड़ी चुनौतियों से भी जुड़ी होगी। फिलहाल क्वाड के मंच में किसी नए देश को शामिल कर इसे विस्तार देने का कोई प्रस्ताव नहीं है, लेकिन हिंद प्रशांत क्षेत्र में साझा हित से जुड़े मुद्दों पर जर्मनी फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों का सहयोग भी क्वाड के साथ आने वाले दिनों में जुड़ सकता है।
विकल्प के तौर पर उभरा
सूत्रों ने कहा कि चीन को भारत कई मौकों पर स्पष्ट कर चुका है कि क्वाड उसके खिलाफ नही है, लेकिन चीन इस मंच के साझा दृष्टिकोण से खुद ही चिंतित रहता है, क्योंकि जिस नियम आधारित, खुली, मुक्त, समावेशी व्यवस्था की वकालत की जाती है उसका उल्लंघन हिंद प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा चीन ही करता है। आतंकवाद पर भी क्वाड देशों का नजरिया काफी व्यापक हुआ है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की राह और चीन द्वारा इस मसले पर पाकिस्तान का बचाव क्वाड की स्पष्ट सोच और बढ़ती भागीदारी से बेहद मुश्किल हो सकता है।
सूत्रों ने कहा कि भारत इस इलाके में चीन की आपूर्ति श्रृंखला के स्वाभाविक विकल्प के तौर पर उभर रहा है। वर्ष 2022 तक एक बिलियन वैक्सीन निर्माण के लक्ष्य में अमेरिकी वित्तीय संस्थान की मदद उसी दिशा में कदम है। जापान भी वैकल्पिक आपूर्ति व्यवस्था को लेकर बड़ा निवेश कर रहा है।