मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक बोले- किसानों को दिल्ली से खाली हाथ न लौटाए सरकार, राकेश टिकैत की गिरफ्तारी मैंने रुकवाई

satyapal malik

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों के पक्ष में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए, उन्हें खाली हाथ न लौटाएं। एमएसपी पर कानून बने। उन्होंने कहा कि किसानों पर बलप्रयोग करना उचित नहीं है, सिख कौम 300 साल तक किसी बात को नहीं भूलती। राज्यपाल ने कहा कि मैं भी किसान का बेटा हूं और किसानों का दर्द जानता हूं। यदि मेरी जरूरत पड़े तो मैं भी किसानों के साथ वार्ता करने के लिए तैयार हूं। मलिक ने यह भी कहा कि उन्होंने जब किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट सुनी तो फोन करके इसे रुकवाया।

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को बागपत के अमीननगर सराय स्थित शीलचंद इंटर कालेज परिसर में आयोजित अपने अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिख चुका हूं। पत्र में लिखा हुआ कि किसानों को खाली हाथ मत लौटाना। यदि ऐसा हुआ तो नुकसान होगा। एमएसपी को मान्यता दे देनी चाहिए। कृषि कानून किसानों के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहाकि जिस देश में किसान और जवान संघर्षशील होगा वह देश कभी विकास नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ताकत में होने की वजह से हमें घमंड नहीं करना चाहिए। 

राज्यपाल ने कहाकि किसान दिल्ली से खाली हाथ वापस जाने के लिए नहीं आए हैं, अगर एमएसपी को कानून की बाध्यता दे दें तो किसान भी कानून में संशोधन में अपनी सहमति देकर चले जाएंगे। अगर ये सब ज्यादा दिन चलता रहा तो पता नहीं इसका परिणाम क्या होगा। उन्होंने राकेश टिकैत की गिरफ्तारी के प्रयास और मथुरा में जयंत पर लाठीचार्ज का भी जिक्र किया।

रिटायरमेंट के बाद लिखूंगा किताब
बागपत। राज्यपाल का काम चुप रहना, हस्ताक्षर करना और आराम करना होता है लेकिन मेरे से चुप नहीं रहा जाता। इसलिए किस दिन मेरी छुट्टी हो जाए पता नहीं। हां, इतना जरूर है कि रिटायरमेंट के बाद आपके बीच रहूंगा और किताब लिखूंगा। उम्मीद है कि आप सभी को मेरी लिखी हुई किताब पसंद आएगी। यह कहना था मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का।

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बागपत के हिसावदा गांव के रहने वाले हैं। रविवार को जिस इंटर कालेज में उनका अभिनंदन समारोह हुआ, उन्होंने उसी स्कूल से पढ़ाई की है। जब वह अपने संबोधन के लिए उठे तो काफी भावुक हो गए। उन्होंने समारोह में मौजूद लोगों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये सब जितने भी बैठे हैं सबको जानता हूं। किसका नाम लूं और किसका नहीं। सत्यपाल सिंह ने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि का जिक्र किया।