निकाह को लेकर अब मुहिम चलाएगा पर्सनल लॉ बोर्ड, देशभर के लिए यह हो रही तैयारी

सबसे ज्यादा बरकत वाला निकाह वह है, जिसमें खर्च कम से कम हो। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार से देशव्यापी ''आसान और मसनून निकाह'' (सादगी से निकाह) अभियान शुरू किया है। उद्देश्य शादी में फिजूलखर्ची को खत्म करना है। बोर्ड ने इसके लिए सोशल मीडिया की मदद ली है। 

लॉ बोर्ड कार्यकारिणी ने शादी में फिजूलखर्ची रोकने को बड़ी तहरीक की जरूरत बताई थी। 10 मार्च को इसके लिए देशव्यापी मुहिम चलाने का निर्णय हुआ। यह अभियान 23 मार्च तक पूरे देश में इस्लाहे मआशरा (समाज सुधार) से जुड़ी इकाइयों के माध्यम से चलाया जाएगा। पहली बार इसके लिए बड़े स्तर पर सोशल मीडिया की मदद ली गई है।

सादगी से करें निकाल
बोर्ड ने इस्लाहे मआशरा कमेटियों से कहा है कि वे निकाह मस्जिदों में सादगी से कराने के लिए लोगों को जागरूक करें। लड़की पक्ष अपने यहां दावतें न करे। दावत को केवल वलीमा (लड़का पक्ष की ओर से रिसेप्शन) तक सीमित रख सकते हैं। बताया जाए कि शरीयत में निकाह को आसान बताया गया है। खुद गैर जरूरी रस्मों और तमाम बातों को शामिल कर इसे खर्चीला बनाया जा रहा है। 

सोशल मीडिया पर दिख रहा असर
सोशल मीडिया विशेषकर फेसबुक पर देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले इसके असर को लोग पोस्ट करने लगे हैं। कई लोगों ने ऐसी पोस्ट डाली हैं, जिसमें निकाह मस्जिद के अंदर सादगी से हो रहा है। कई लोगों ने धार्मिक आधार का सहारा लेकर बताया है कि सादगी से निकाह क्यों जरूरी है। 

शादी को आसान कैसे बनाएं
बोर्ड सोशल मीडिया के माध्यम से छोटे वीडियो की मदद से यह बता रहा है कि शादी को आसान कैसे बनाएं। सचिव मौलाना उमरीन रहमानी का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने लोगों को शरीयत के ऐतबार से समझाया है। लोगों से कहा गया है कि जिस तरह लॉकडाउन में सादगी से शादियां हो रही थीं, वैसे ही की जाएं।

शहर में भी चलेगा अभियान
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का सादगी से निकाह अभियान शहर में भी चलेगा। शहर की कुछ मस्जिदों में निकाह की तादाद बढ़ी है। इसमें वृद्धि हो इसके लिए जुमे की नमाज में तकरीरों के साथ पांचों वक्त की नमाज में लोगों से इसके प्रति जागरूकक किया जा रहा है। बोर्ड के सदस्य मोहम्मद सुलेमान इन दिनों शहर से बाहर हैं।