![Delhi High Court delhi high court](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2021/02/07/16_9/16_9_1/delhi_high_court_1612711442.jpg)
दिल्ली हाईकोर्ट ने हत्या की कोशिश के आरोपी 21 साल के एक युवक द्वारा अपने किए पर पछतावा व्यक्त करने के बाद सजा के तौर पर एक महीने तक दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने शुक्रवार को यह कहते हुए आरोपी मोहम्मद उमैर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया कि वह 21 साल का एक युवा है और उसका पूरा जीवन उसके आगे पड़ा है, और यह तथ्य कि दोनों पार्टियों ने समझौता कर लिया है। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत केस दर्ज किया गया था।
जस्टिस प्रसाद ने आरोपी को 16 मार्च से 16 अप्रैल, 2021 तक गुरुद्वारा बंगला साहिब में एक महीने तक सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया। एक महीना पूरा होने के बाद, अभियुक्त को आदेश का अनुपालन दिखाने के लिए हाईकोर्ट में गुरुद्वारा बंगला साहिब से मिला एक प्रमाण पत्र दायर करना होगा।
आदेश पारित करते हुए अदालत ने आरोपी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और उसे ऐसी गतिविधियों में लिप्त न होने और भविष्य में अपराध से दूर रहने की चेतावनी भी दी। कोर्ट ने कहा कि युवाओं को अपने गुस्से को काबू करना सीखना चाहिए और यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वह कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते।
इस मामले की सुनवाई के दौरान मोहम्मद उमैर की ओर से वकील जसपाल सिंह और शिकायतकर्ता की तरफ से वकील अमित यादव अदालत में पेश हुए।
जस्टिस प्रसाद ने आदेश में कहा कि अभियुक्त 21 वर्ष का एक युवा है, जिसके सामने पूरी जिंदगी है। दोनों पक्ष एक ही क्षेत्र में रह रहे हैं। याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है। वह फरार नहीं हुआ है। चार्जशीट दायर की गई है। चार्जशीट देखने से पता चलता है कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने कहा है कि जब वह अपनी मां के साथ बहस कर रहा था, तो शिकायतकर्ता ने उसे थप्पड़ मारा, जिससे उसे अपमान महसूस हुआ और इसलिए उसने गुस्से में आकर एक सब्जी विक्रेता से चाकू लिया और शिकायतकर्ता को मार दिया।
उन्होंने कहा कि आरोपी पहले ही एक महीना हिरासत में बिता चुका है। उसने अदालत में पछतावा व्यक्त किया है। अदालत में मौजूद शिकायतकर्ता ने कहा कि कार्यवाही जारी रहने पर इस नौजवान की जिंदगी खराब हो जाएगी।