आंध्र प्रदेश में मंदिरों में तोड़फोड़, YSR कांग्रेस को टीडीपी पर शक


vandalism of hindu temples kicks up political slugfest in andhra pradesh ysrc suspecting tdp in the

आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू मंदिरों में तोड़-फोड़ की घटना ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्ष ने राज्य में हिंदू मंदिरों में तोड़-फोड की घटना को लेकर जगनमोहन रेड्डी सरकार पर उसके निष्क्रियता के लिए निशाना साधा है और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इन घटनाओं में तुलगु देशम पार्टी के शामिल होने का संदेह जताया है।

शनिवार को इस घटना को उस समय और हवा मिल गई जब तेदेपा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू विजयनगरम जिले के 400 साल पुराने रामतीर्थम मंदिर का दौरा करने पहुंचे थे। जहां, 29 दिसंबर को कुछ बदमाशों ने भगवान श्रीराम की मूर्ति को तोड़ दिया गया था और मूर्ति के सिर को एक टैंक में फेंक दिया था। अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ नायडू पैदल ही पहाड़ी के ऊपर स्थित मंदिर गए और परिसर का निरीक्षण किया। हालांकि उस दौरान मंदिर का मुख्य द्वार बंद था। नायडू ने वहां पुजारियों और अन्य अधिकारियों से बातचीत की।

घटना को लेकर मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को 'हिन्दुओं के साथ विश्वासघात करने वाला' बताते हुए नायडू ने राज्य में वाईएसआरसी शासन के पिछले 18 महीनों का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान राज्य में मंदिरों पर हमले और मूर्तियों को खंडित करने की 127 घटनाएं हुई हैं जिसने हिन्दू भक्तों की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि घटना में आज तक एक भी दोषी को सजा नहीं दी गई है।

वहीं, मीडिया से बात करते हुए, वाइएसआर कांग्रेस के नेता विजयसाई रेड्डी ने आरोप लगाया कि मंदिरों पर हमलों के पीछे तेदेपा का हाथ है। उन्होंने तेदेपा के विधान परिषद सदस्य एन. लोकेश को इस मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी। भाजपा एमएलसी माधव ने कहा कि जब रथों को जलाया गया, यदि तभी सरकार ने सख्ती दिखायी होती, तो यह घटना नहीं होती। पुलिस अधीक्षक राजकुमारी के नेतृत्व में पुलिस ने बड़ी मुश्किल से स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने इस 
मुद्दे का राजनीतिकरण होने पर राजनीतिक नेताओं को कार्रवाई करने की चेतावनी दी।

वहीं, एक अन्य वाईएसआरसी नेता और सरकार के सलाहकार सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने भी मंदिरों पर हो रहे हमलों के पीछे टीडीपी अध्यक्ष को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि इसके पीछे प्रतिष्ठित भूमि स्थल वितरण योजना के शुभारंभ से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।

गौरतलब है कि गत 29 दिसंबर को कुछ बदमाशों ने भगवान श्रीराम की मूर्ति को तोड़ दिया गया था और मूर्ति के सिर को एक टैंक में फेंक दिया था। इससे पहले, अंटारवेदी और बिटरागुंटा गांव में लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के पवित्र रथ को जला दिया गया था तथा पिछले 16 महीनों के दौरान कई अन्य मंदिरों में भी आग लगा दी गई।