होर्डिंग्स पर मोदी-योगी: मोबाइल कंपनी के सीईओ समेत दो गिरफ्तार, राज्यमंत्री के भाई पर भी लगा है आरोप

लखनऊ में एक कम्पनी के मोबाइल फोन को लांच करने के दौरान होर्डिंग व पोस्टरों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की फोटो लगाने के मामले में पुलिस ने बेहद गुपचुप तरीके से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हजरतगंज पुलिस ने मंगलवार को निजी पीआर कम्पनी के संचालक आशीष गुप्ता को जेल भेजा जबकि मोबाइल कम्पनी के सीईओ डीपी त्रिपाठी को तीन दिन पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों कार्रवाई को छिपाकर रखा गया था। इसमें 26 दिसम्बर को एक राज्यमंत्री के भाई मुजफ्फरनगर निवासी ललित अग्रवाल समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई थी।

एफआईआर में नामजद कराये गये ललित और अन्य नामजद एक अखबार की प्रचार कम्पनी के जीएम इंदिरानगर निवासी नरेन्द्र निगम, डिप्टी जीएम दीपक श्रीवास्तव, बिहार के समस्तीपुर निवासी रामबाबू मंडल पर पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों आशीष और डीपी त्रिपाठी का नाम विवेचना में सामने आया है। अन्य की भूमिका की जांच की जा रही है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन दोनों आरोपियों को रिमाण्ड पर लिया जायेगा। फिर इनसे पूछा जायेगा कि इस पूरे प्रकरण में किसके सहारे पर सब कुछ किया गया। हालांकि बड़े पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

यह था मामला
लांच हुए मोबाइल के प्रचार के लिये पूरे प्रदेश में कई स्थानों पर होडिंग लगवाये गये थे। इस होर्डिंग में फोन को अपने देश में बना स्मार्ट मोबाइल फोन बताया गया था। साठगांठ कर होर्डिंग में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की फोटो ऐसे लगायी गई थी, जिससे देखने वाले को लगे कि यह कम्पनी सरकार के प्रोजेक्ट का हिस्सा है। जबकि सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था। कम्पनी को लांच करने वाले ललित अग्रवाल के भाई सरकार में राज्यमंत्री है। लिहाजा ताज होटल में हुए इस लांचिंग कार्यक्रम में विधायक नीरज बोरा, कानपुर की विधायक नीलिमा कटियार, सुलतानपुर के विधायक देवमणि समेत कई जन प्रतिनिधि और अफसर शामिल हुए थे।

होर्डिंग पर पीएम और सीएम की फोटो लगे होने के मामले ने तूल पकड़ा तो शासन ने जांच के आदेश दिये। इससे हड़कम्प मचा। आननफानन आरोपियों ने खुद ही हजरतगंज व अन्य इलाकों में लगी होर्डिंग को उतार दिया था। शासन के आदेश पर ही इस मामले में दक्षिणी चौकी प्रभारी दिनेश शुक्ला की ओर से ललित अग्रवाल, नरेन्द्र निगम, दीपक श्रीवास्तव, रामबाबू मंडल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।