फ्रांस के राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकार के साथ डोभाल की बैठक, पाकिस्तान की बढ़ेगी टेंशन?
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के शीर्ष सलाहकार इमैनुएल बोन और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कल (गुरुवार) नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे। यह बैठक भारत और फ्रांस के वार्षिक रणनीतिक वार्ता के तहत होगी। इस बैठक में माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में बनाए जाने वाले 10 हजार मेगावॉट के न्यूक्लियर पावर प्लांट और पी-75I प्रोजेक्ट के तहत भारतीय नौसेना को मिलने वालीं छह डीजल इलेक्ट्रोनिक पनडुब्बियों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, चीन से तनाव के बीच अपने-अपने देशों के शीर्ष सलाहकार इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और समुद्री सुरक्षा में सुधार करने पर भी बातचीत कर सकते हैं। वहीं, पाकिस्तान के प्रति हाल के समय में फ्रांस के रवैये को देखते हुए माना जा रहा है कि बैठक से उसकी भी टेंशन बढ़ सकती है।

फ्रांस के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार बोन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जसशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला से भी शुक्रवार को मिलने की संभावना है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, भारत और फ्रांस गुरुवार को नई दिल्ली में वार्षिक सामरिक वार्ता करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। मालूम हो कि, फ्रांस यूरोप में भारत का सबसे विश्वसनीय भागीदारों में से एक रहा है, लेकिन दोनों देशों के बीच हुई 36 राफेल विमानों की डील के बाद से पिछले कुछ वर्षों में रिश्तों में और नजदीकी आई है। 

पिछले साल राफेल विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने के समय फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ली ने भारत का दौरा किया था। इस दौरान, उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भविष्य में भी दोनों देशों की सरकारों के बीच और डिफेंस डील किए जाने पर सहमति जताई थी। वहीं, भारत को मेक-इन-इंडिया पहल के तहत 56 मध्यम ट्रांसपोर्ट विमानों के लिए इस साल 2.5 अरब डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा करने के लिए भारत छह एयरबस 330 मल्टी रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर एयरक्राफ्ट्स, जोकि मिड-एयर रिफ्यूलर्स होंगे, खरीदने की ओर कदम बढ़ा रहा है। 

अधिकारियों का कहना है कि मिलिट्री टेक्नोलॉजी को लेकर फ्रांस ने पाकिस्तान के संबंध में उठाई गईं भारत की चिंताओं का पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया था। इतना ही नहीं, फ्रांस पाकिस्तान के मिराज फाइटर जेट्स के बेड़े, एयर डिफेंस सिस्टम और एगोस्टा 90बी क्लास की पनडुब्बियों को अपग्रेड नहीं करने का फैसला करके इमरान खान को तगड़ा झटका दे चुका है। इसी दौरान, फ्रांस ने कतर जिसने उससे राफेल विमानों का सौदा किया था, उसको भी जानकारी दी थी कि वह अपने विमानों के आसपास किसी पाकिस्तानी तकनीशियनों को आने की अनुमति न दे। इससे राफेल विमानों की तकनीक के बारे में पाकिस्तान को दूर-दूर तक कोई भी जानकारी नहीं होगी।

वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि यह फ्रांसीसी सरकार के कठोर रवैये का ही असर था कि मिराज 3 और मिराज 5 लड़ाकू जेट विमानों ने पिछले महीने संयुक्त हवाई अभ्यास, ईगल-आईएक्स में भाग नहीं लिया था। इस अभ्यास में चीनी और पाकिस्तान की वायुसेनाएं शामिल थीं।