पशुपालन विभाग में हुए नौ करोड़ 72 लाख रुपये के फर्जीवाड़े में फरार चल रहे निलम्बित डीआईजी अरविन्द सेन पर पुलिस और शिकंजा कसने जा रही है। इसी कड़ी में अब उन पर इनाम 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने की संस्तुति पुलिस ने कर दी है। इसके अलावा अरविन्द सेन की सारी चल-अचल सम्पत्ति का ब्योरा तैयार कर चुकी पुलिस इसी महीने एक साथ उनकी सारी सम्पत्ति कुर्क कर देगी। इसके लिये पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
13 जून को इस मामले में पीड़ित व्यापारी इंदौर निवासी मंजीत भाटिया ने हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी थी। एसटीएफ की जांच में डीआईजी अरविन्द सेन भी इस मामले के आरोपियों से साठगांठ रखने से कार्रवाई के दायरे में आ गये थे। शासन ने जैसे ही उन्हें निलम्बित किया, वह फरार हो गये। पुलिस ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारन्ट लिया, 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया लेकिन वह हाथ नहीं आये।
बीच में अरविन्द सेन समर्पण करने की फिराक में थे पर बाद में वह हाजिर नहीं हुये। उनके लखनऊ और अयोध्या स्थित घर पर सम्पत्ति कुर्क करने की नोटिस भी चस्पा की जा चुकी है। एक अफसर के मुताबिक इन कार्रवाई से लगा था कि दबाव होने से अरविन्द सेन हाजिर हो जायेंगे। पर, ऐसा नहीं हुआ लिहाजा उन पर इनाम बढ़ाने की संस्तुति कर दी गई है। इसके अलावा कानूनी औपचारिकतांए इसी महीने पूरी हो जायेंगी। इसके बाद ही उनकी लखनऊ, अयोध्या व अम्बेडकरनगर में चल-अचल सम्पत्ति कुर्क कर दी जायेगी। इसकी सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
जल्दी ही एक और चार्जशीट
इस मामले में एसीपी श्वेता श्रीवास्तव 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट लगा चुकी है। इसमें 14 लोग अब तक जेल जा चुके हैं। जल्दी ही तीन और लोगों के खिलाफ चार्जशीट पुलिस कोर्ट में दाखिल कर देगी। पुलिस के लिये इस मामले में सबसे ज्यादा चुनौती अरविन्द सेन व सिपाही दिलबहार यादव को गिरफ्तार करने की थी। दिलबहार को पुलिस पकड़ चुकी है।