कृषि कानूनों पर केंद्र से आरपार के मूड में संयुक्त किसान मोर्चा, 26 जनवरी को बैरियर तोड़ दिल्ली में घुसने का ऐलान
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संयुक्त किसान मोर्चा ने नए कृषि कानून के विरोध में आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। मोर्चा ने आगामी 26 जनवरी को पुलिस के बैरिकेट तोड़कर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर मार्च करने की घोषणा की है। गणतंत्र दिवस के दिन सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बढ़ सकता है। यदि हालात बिगड़ते हैं तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर होगी। इतना ही नहीं मोर्चा के नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यदि सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ फैसला देता है तो उसे भी नहीं माना जाएगा और दिल्ली बार्डर पर उनका धरना-प्रदर्शन चलता रहेगा।

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर 44 दिनों से बैठे किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। आठवें दौर की बैठक में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने मांग नहीं माने जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा के सभी 40 नेता आक्रोश में है। उनका कहना है कि सरकार के पास कोई तर्क नहीं है। हर बार आश्वासन दिया जाता है कि इस मुद्दे का समाधान निकल आएगा। लेकिन जब बैठक में चर्च होती है तो नए कृषि कानून किसानों के हित में होने का बार-बार राग अलापने लगती है।

भाकियू हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि सरकार सिर्फ अगली तारीख देने के लिए बैठक बुलाते हैं। शुकव्रार की बैठक में कहा कि अगली 15 तारीख की बैठक में सिर्फ सात किसान नेता आएं। यह तो मोर्चा की बैठक के बाद तय होगा कि सात नेता जाएंगे अथवा कोई नहीं जाएगा। सरकार जिद पर अड़ गई है, सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि 26 जनवरी को बैरिकेट तो़ड़कर दिल्ली में घुसेंगे और ट्रैक्टर किसान मार्च निकालेंगे। पुलिस लाठी चार्ज करे अथवा गोली मारे किसान नहीं मानेंगे। हालत बिगड़ते हैं तो इसके लिए सरकार दोषी होगी। धरना स्थलों से हर रोज दो किसानों की मौत हो रही है, लेकिन सरकार संवेदनशील नहीं है।

वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट यदि उनके खिलाफ फैसला देती है तो भी किसान दिल्ली बार्डर से नहीं उठेंगे। किसानों का नया नारा है कि यहीं लडेंगे, यहीं मरेंगे। घर वापसी तभी होगी जब तक इन कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है। सरकार के अड़ियल रवैये को देखत हुए आंदोलनत को और तेज करेगा। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान दिल्ली के भीतर मार्च करेगा। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की ताकत दिखानी पड़ेगी तभी हमारी मांगे मानी जाएंगी। गत दिवस ट्रैक्टर किसान मार्च का रिहर्सल किया गया। अब 26 जनवरी को फुल परेड निकाली जाएगी।