गाजियाबाद में 'इस्लाम के जिहाद' पर बुलाई धर्म संसद

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

गाजियाबाद के इसी मंदिर में धर्म संसद होनी है। मंदिर के गेट पर लिखा है- यहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है। - Dainik Bhaskar
गाजियाबाद के इसी मंदिर में धर्म संसद होनी है। मंदिर के गेट पर लिखा है- यहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है।

पिछले साल हरिद्वार और उज्जैन की धर्म संसदों में हेट स्पीच पर खूब बवाल मचा था। इस बार वैसी ही धर्म संसद उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में 17, 18, 19 दिसंबर को होगी। इसका आयोजन कस्बा डासना स्थित शिवशक्ति धाम में होगा। चर्चा का विषय 'इस्लाम का जिहाद' है। इसे लेकर पुलिस और खुफिया इकाई चौकन्ना हो गई हैं। पुलिस ने मुख्य आयोजक महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि को नोटिस दिया है कि बिना अनुमति वे ये कार्यक्रम न करें। आपको बता दें कि यति नरसिंहानंद गिरि के खिलाफ ही हेट स्पीच को लेकर कई मुकदमे दर्ज हैं।

यति नरसिंहानंद गिरि इस धर्म संसद के मुख्य आयोजक है। ये हरिद्वार की धर्म संसद में हेट स्पीच में जेल भी गए थे।
यति नरसिंहानंद गिरि इस धर्म संसद के मुख्य आयोजक है। ये हरिद्वार की धर्म संसद में हेट स्पीच में जेल भी गए थे।

धर्म संसद की तैयारी के लिए 6 नवंबर को बैठक
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर एवं डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने बताया, धर्म संसद 17, 18 और 19 दिसंबर को होगी। इस संबंध में मंदिर परिसर में 6 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। बैठक में चर्चा होगी कि इस बार की धर्म संसद कैसे ऐतिहासिक हो और पूरे विश्व में इसकी गूंज सुनाई दे।

नरसिंहानंद गिरि बोले- इस्लाम का जिहाद हुआ अनियंत्रित

यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा, ''आज भारतवर्ष में इस्लाम का जिहाद अनियंत्रित हो चुका है। इसका मुख्य कारण जनसंख्या का विस्फोट है। यही पूरे विश्व के विनाश की वजह बनेगी। पूरा विश्व इस विनाश से बचने की तैयारी कर रहा है। सर्फ हिन्दू ही जनसंख्या विस्फोट के खतरे से लड़ने की नहीं सोच पा रहे। इसका मुख्य कारण हमारे दिमाग में भरा गया कड़ा, करकट और अधर्म है। धर्मविहीन राजनीति हमारे विनाश की दूसरी बड़ी वजह है।''

उन्होंने कहा, ''इस समय शिवशक्ति धाम डासना में होने वाली धर्म संसद ही एकमात्र मंच है, जहां इस्लामिक जिहाद से पीड़ित हिंदू समाज खुलकर अपनी व्यथा कह सकता है और समाधान पर चर्चा कर सकता है।''

बिना अनुमति धर्म संसद न करने के लिए गाजियाबाद पुलिस ने यति नरसिंहानंद गिरि को एक नोटिस थमाया है।
बिना अनुमति धर्म संसद न करने के लिए गाजियाबाद पुलिस ने यति नरसिंहानंद गिरि को एक नोटिस थमाया है।

पुलिस ने नोटिस देकर कहा- बिना अनुमति आयोजन न करें

उधर, मसूरी थाने के इंस्पेक्टर रविंद्र चंद्र पंत ने गुरुवार को शिवशक्ति धाम डासना में पहुंचकर यति नरसिंहानंद गिरि को एक नोटिस थमाया है। इसमें उन्होंने लिखा है- '17 दिसंबर 2022 से धर्म संसद आयोजित करने एवं 06 नवंबर को बैठक आयोजित करने के संबंध में आपके द्वारा कोई अनुमति नहीं ली गई है। न ही शासन-प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए अनुमति दिया जाना संभव है। आपको नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है कि बिना अनुमति कोई भी कार्यक्रम आयोजित न करें।'

महामंडलेश्वर बोले- आपकी अनुमति अपेक्षित नहीं

यति नरसिंहानंद गिरि ने इस नोटिस का जवाब उसी कॉपी के ऊपर लिखकर दिया है। उन्होंने लिखा- '6 नवंबर 2022 की बैठक तो हमारी कार्यकारिणी की बैठक है। धर्म संसद हमारा परंपरागत आयोजन है, जो हमारे मंदिर की चाहरदीवारी में ही होता है। इन दोनों आयोजनों के लिए आपकी अनुमति अपेक्षित नहीं है।'

हरिद्वार धर्म संसद की हेट स्पीच में वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद गिरि काफी दिनों तक हरिद्वार जेल में बंद भी रहे थे।
हरिद्वार धर्म संसद की हेट स्पीच में वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद गिरि काफी दिनों तक हरिद्वार जेल में बंद भी रहे थे।

हरिद्वार-उज्जैन की धर्म संसदों का हश्र क्या हुआ, पढ़िए...

हरिद्वार में भी पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद आयोजित हुई। आरोप है कि इसमें एक वर्ग को खत्म करने जैसी बातें कही गईं। मामले में हरिद्वार पुलिस ने हेट स्पीच की एफआईआर दर्ज की। इसमें महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को जेल जाना पड़ा था। अब कहीं जाकर वसीम रिजवी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत जैसी राहत मिल पाई है। 

दिसंबर-2021 में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक धर्म संसद हुई। इसमें संत कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया। देश बंटवारे के लिए गांधी को जिम्मेदार बताया। इसे लेकर खूब बवाल मचा था। संत कालीचरण को जेल तक जाना पड़ा था। हालांकि जेल से छूटते ही संत कालीचरण ने फिर कहा कि मैं धर्म संसद में बोली गई अपनी बात पर कायम हूं।

धर्म संसदों में हेट स्पीच से सुप्रीम कोर्ट भी है नाराज
अभी पिछले महीने ही एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद जैसे कार्यक्रमों में हेट स्पीच पर नाराजगी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड पुलिस को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि हेट स्पीच में शामिल लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें वरना अवमानना के लिए तैयार रहें।