UP News: उद्योगों के लिए बेची जा सकेगी एससी-एसटी की भी जमीन, नई औद्योगिक नीति लाने जा रही योगी

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

UP News: राजस्व संहिता में संशोधन कर भूमि उपयोग प्रबंधन का सरलीकरण करेगी यूपी सरकार।

UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डालर बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही योगी आदित्यनाथ सरकार तमाम नीतियों में परिवर्तन कर रही है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम नीति 2022 लागू करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 का प्रारूप भी तैयार कर लिया है। इस नीति में तमाम पूंजीगत सुविधाओं के साथ उद्योगों के लिए जमीन की बाधा दूर करते हुए राजस्व संहिता में भी संशोधन करने की तैयारी में है। इसके बाद उद्योगों के लिए अनुसूचित जाति व जनजाति की जमीन भी बेची जा सकेगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही निर्देश दे चुके थे कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले ही आवश्यकता के अनुसार विभिन्न नीतियों में संशोधन कर लिया जाए, ताकि निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। हाल ही में कैबिनेट ने नई एमएसएमई नीति को स्वीकृति दी है और अब अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने औद्योगिक विकास एवं रोजगार प्राेत्साहन नीति 2022 का प्रारूप भी तैयार कर लिया है।

50 वर्ष के लिए पट्टे पर मिलेगी ग्राम समाज की बंजर भूमि

इस नीति में विशेष प्रस्ताव यह रखा गया है कि निवेश के लिए उद्योगों को आकर्षित करने के लिए ग्राम समाज की बंजर और अन्य अनुमन्य भूमि 50 वर्ष के लिए सर्किल रेट के एक प्रतिशत पर पट्टे पर दी जाएगी। पट्टे को 50 वर्ष बाद भी विस्तारित किया जा सकेगा। सरकारी भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति करेगी।


उद्योग लगाने के लिए भूमि उपयोग प्रबंधन का सरलीकरण

स्पष्ट कहा गया है कि राजस्व संहिता के प्रविधानों में संशोधन कर उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि उपयोग प्रबंधन का सरलीकरण किया जाएगा। जैसे कि कृषि भूमि को गैर-कृषि भूमि में परिवर्तित करना, भू-उपयोग में परिवर्तन, ग्राम समाज की भूमि का निजी भूमि से विनिमय और अनुसूचित जाति-जनजाति की भूमि के विक्रय की अनुमति दी जा सकेगी।

ग्राम समाज की भूमि मुफ्त प्राधिकरणों में होगी शामिल

लैंडबैंक की चिंता करते हुए ही यह व्यवस्था बनाई जा रही है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमार इकाइयाें के स्वामित्व वाली भूमि का भी उपयोग किया जाए। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र में स्थित ग्राम समाज की भूमि को निश्शुल्क प्राधिकरणों में शामिल किया जाएगा। पूरे प्रदेश में कहीं भी स्थित ग्राम समाज की भूमि को औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के पक्ष में निश्शुल्क पुनर्ग्रहण करने के लिए अनुमति देने के संबंध में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 के तहत संबंधित निर्देश जारी किए जाएंगे।

फास्ट ट्रैक से जमीन का आवंटन

नई औद्योगिक नीति में प्रस्ताव है कि भूमि आवंटन के लिए आवेदन भी निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से ही लिए जाएंगे। इसमें खास बात यह है कि मेगा और उससे उच्च श्रेणी की परियोजनाओं के लिए फास्ट ट्रैक के आधार पर भूमि का आवंटन किया जाएगा। इसमें 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाली इकाइयां विशेष रूप से शामिल होंगी।

निवेश प्रोत्साहन अनुदान के मिलेंगे तीन विकल्प

इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक प्रकाश का कहना है कि पिछली नीति का भी उद्देश्य भी उद्यमियों को प्रोत्साहन देना ही था, लेकिन अनुदान को लेकर वह कुछ असमंजस में रहते थे। इसे देखते हुए पहली बार विकल्प आधारित प्रोत्साहन माडल इस नीति में प्रस्तावित किया गया है। अब उद्यमी पूंजीगत अनुदान, नेट एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति और भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना के तहत प्राप्त प्रोत्साहनों पर टाप-अप में से कोई भी एक विकल्प चुन सकेंगे। पूंजीगत अनुदान के लिए प्रस्ताव रखा गया है कि मध्यांचल एवं पश्चिमांचल में अधिकतम 40 करोड़ और बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल में अधिकतम 45 करोड़ की सीमा के अधीन पात्र स्थाई पूंजी निवेश (भूमि लागत को छोड़कर) के 25 प्रतिशत का पूंजीगत अनुदान दिया जाएगा। श्रमिकों के लिए छात्रावास-डोरमेटरी आवास की लागत (भूमि लागत को छोड़कर) के 25 प्रतिशत की दर से पूंजीगत अनुदान अधिकतम 25 करोड़ रुपये की सीमा के अधीन मिलेगा।

स्टांप शुल्क में यूं मिलेगी छूट

  • बुंदेलखंड और पूर्वांचल में 100 प्रतिशत
  • मध्यांचल एवं पश्चिमांचल (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद को छोड़कर) में 75 प्रतिशत
  • गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में 50 प्रतिशत

औद्योगिक इकाइयों की श्रेणियां

  • वृहद - 50 करोड़ रुपये से अधिक, लेकिन 200 करोड़ रुपये से कम
  • मेगा - 200 करोड़ रुपये से अधिक, लेकिन 500 करोड़ रुपये से कम
  • सुपर मेगा - 500 करोड़ रुपये से अधिक, लेकिन 5000 करोड़ रुपये से कम
  • अल्ट्रा मेगा - 5000 करोड़ रुपये या उससे अधिक

अधिक सहूलियत उद्यमियों को देने का उद्देश्य

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अधिक से अधिक निवेश को आकर्षित करना आवश्यक है। इसे देखते हुए ही देश के विभिन्न राज्यों की औद्योगिक नीतियों का अध्ययन कर अधिक से अधिक सहूलियत और प्रोत्साहन उद्यमियों-कारोबारियों को देने के उद्देश्य से नई नीति का प्रारूप तैयार किया गया है।