GDA ओएसडी व मुख्य अभियंता के नाम पर उगाही का प्रयास, पत्र के शब्दों से ही खुला राज

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

अवैध निर्माण ध्वस्त करने के लिए जालसाज ने भेजा नोटिस, मामला दबाने के लिए मांगे तीन लाख रुपये।

गाजियाबाद। जीडीए ओएसडी व जोन-चार के प्रवर्तन प्रभारी सुशील चौबे व मुख्य अभियंता राकेश कुमार गुप्ता के नाम पर उगाही का प्रयास किया गया। नोटिस में लिखे गलत शब्दों से मामला पकड़ में आया। ओएसडी व मुख्य अभियंता ने जीडीए पुलिस के इंस्पेक्टर को मामले की जांच कर आरोपित के खिलाफ एफआइआर कराने के निर्देश दिए हैं।

नासिरपुर में युवक नोटिस लेकर पहुंचा था युवक

नासिरपुर में रहने वाले हातम सिंह, खजान सिंह, भगवान दास के पास 26 सितंबर को एक युवक नोटिस लेकर पहुंचा। उसने खुद को जीडीए कर्मचारी अनिल बताते हुए नोटिस देकर कहा कि आप सभी ने अवैध निर्माण कर रखा है। ओएसडी साहब व मुख्य अभियंता साहब ने आपके अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं।

मामला दबाने की बात कह कर दिया अपना मोबाइल नंबर

आखिर में कथित जीडीए कर्मी ने उन्हें अपना मोबाइल नंबर दिया और कहा कि मामला दबवाना हो तो काल कर लेना। नोटिस देखकर शुरुआत में तीनों टेंशन में आ गए, लेकिन जब उन्होंने नोटिस को ध्यान से पढ़ा तो उसमें शब्द गलत लिखे हुए थे। इसी बात से उन्हें शक हो गया।

जीडीए में जाने के बाद जालसाल का खुला राज

जीडीए में जाकर पता किया तो जालसाज द्वारा नोटिस दिए जाने की जानकारी मिली। इसके बाद खजान सिंह ने 28 सितंबर को कथित जीडीए कर्मी अनिल को काल की तो उसने मामला दबवाने के लिए तीन लाख रुपये मांगे। काल पर हुई बातचीत उन्होंने रिकार्ड कर ली और जीडीए अधिकारियों को सुनवाई। ओएसडी व मुख्य अभियंता ने बताया कि उपरोक्त लोगों को किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं दिया गया है। जीडीए ने पुलिस को एफआइआर दर्ज कराने के लिए कहा गया है।

पहले भी दो बार हो चुका है ठगी का प्रयास

गत जुलाई माह में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट का जज बनकर राजनगर एक्सटेंशन में होटल का नक्शा पास कराने की कोशिश की कोशिश की गई थी। जीडीए उपाध्यक्ष, अपर सचिव व नगर नियोजक को जज बनकर काल व मैसेज कर ठगी का प्रयास किया गया था। गत आठ सितंबर को भी मुख्य अभियंता से ठगी का प्रयास किया गया था। जालसाज द्वारा वाट्सएप डीपी में जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह की फोटो लगाकर मुख्य अभियंता को मैसेज कर पैसे मांगे गए थे।