क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

रेबीज़ बीमारी का नाम सुनते ही हमारे मन में डर पैदा हो जाता है और डर होना लाजमी भी है क्योंकि अगर रेबीज का सही समय पर इलाज ना किया जाये तो इसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है। रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है जो कि जानवरों से इंसानों में फैलती है। सही समय पर इस बीमारी का पता चलना बेहद जरूरी हैं। हर साल 28 सितम्बर को 'विश्व रेबीज़ दिवस' मनाया जाता है। इस दिन इस बिमारी के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है और इसकी रोकथाम के उपायों के बारे में लोगों को बताया जाता हैं।
इसके साथ ही इस दिन को चुनने की एक वजह यह भी है कि आज ही के दिन विख्यात फ़्रांसीसी वैज्ञानिक लुईस पाश्चर की डेथ एनिवर्सरी भी होती है। लुईस पाश्चर ही वह व्यक्ति है जिन्होंने पहली बार रेबीज की वैक्सीन का आविष्कार कर मेडिकल जगत को एक बेहद अमूल्य तोहफा दिया था।.लुईस पाश्चर और उनकी टीम ने ही 1885 में पहली बार रेबीज से बचने के लिए वैक्सीन विकसित की थी। रेबीज बीमारी होने इसका कारण है लायसावायरस। ये वायरस शरीर में ये कुत्ते, बिल्ली और बंदर जैसे जानवरों के काटने से प्रवेश करता है और व्यक्ति को रेबीज़ से संक्रमित कर देता है। आइए जानते है इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स;-
क्या है विश्व रेबीज़ दिवस का इतिहास?
सबसे पहले 'विश्व रेबीज दिवस 28 सितंबर, 2007 को मनाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, अमेरिका और एलायंस फोर रेबीज कंट्रोल के बीच साझेदारी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया परन्तु दुनिया में इस अंतर्राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत रेबीज के प्रतिकूल प्रभावों से पीड़ित होने के बाद की गई थी और अब इस दिवस का कॉर्डिनेशन ग्लोबल एलायंस फोर रेबीज कंट्रोल के द्वारा किया जाता है।
क्यों है रेबीज़ दिवस महत्वपूर्ण ?
विश्व रेबीज़ दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इस दिन को मनाने का उदेश्य है रेबीज़ की बीमारी पर लोगों को जागरूक करना और बीमारी की रोकथाम को बढ़ावा देना। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक वायरल बीमारी है जो कि जानवरों के द्वारा इंसानों में दिमाग की सूजन का कारण बनती है । यह दिन लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति सचेत करता है साथ ही जानवरों की बेहतर देखभाल और रेबीज जैसी प्रतिकूल सिचुएशन से निपटने की जानकारी देता है। इसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक इस बीमारी की घटना को खत्म करना है। विश्वभर के स्वास्थ्य संगठनों ने इस दिन को रेबीज के टीकाकरण शिविरों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए लोगों से कहा है और इस बीमारी को रोकने के लिए लोगों की सामूहिक भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चुना है। इसके साथ ही यह दिन हेल्थ फर्म्स और वेट्रीनरी ग्रुप्स, क्विज, निबंध प्रतियोगिताओं और अन्य जागरूकता अभियानों के द्वारा और कैंपेन मैराथन के जरिए मनाया जाता है।
वर्ल्ड रेबीज़ day 2022 की थीम
28 सितम्बर को इस साल 16 वां विश्व रेबीज़ दिवस मनाया जायेगा..हर साल इस दिन के लिए एक विशेष थीम चुनी जाती है । कि इस बात का सन्देश देती है कि इस वर्ष इस दिन को किस समस्या पर केन्द्रित किया जा रहा है।
इस वर्ष की थीम है Rabies: "One Health Zero Deaths" यानि कि "एक स्वास्थ्य,शून्य मृत्यु" इसके अंतर्गत लोगों और जानवरों दोनों के साथ पर्यावरण के सम्बन्ध पर प्रकाश डाला जायेगा।