क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
![KGMU के विशेषज्ञ ने बच्चों में मोबाइल की लत छुड़ाने के बताए टिप्स।](https://www.jagranimages.com/images/newimg/11092022/11_09_2022-mobile_addiction_1_23060395.jpg)
अभिभावक, बच्चे और स्कूल सभी को इसे लेकर सतर्क होना पड़ेगा। जिसमें मोबाइल किस तरह से मुसीबत बनने लगा है, उसे लेकर अभिभावकों की चिंता दिखी। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफसर डा. पवन कुमार गुप्ता ने फोन पर पूछे गए उनके सवालों के जवाब दिए। पेश है कुछ सवालों के जवाब।
सवाल : मेरा बेटा आठ साल का है। मोबाइल पर गेम खेलता रहता है। मोबाइल के प्रति बहुत अधिक रुझान है, खाना भी समय से नहीं खाता, पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। इसे कैसे नियंत्रण करें?
पवन कुमार, इंदिरानगर
जवाब : स्क्रीन टाइम दो घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। मोबाइल का इस्तेमाल तुरंत रोकने की जगह धीरे-धीरे रोकने का प्रयास करें। सबसे पहले आप देखें कि बच्चा मोबाइल पर कौन सा गेम खेलता है। उसका कंटेंट कैसा है। बच्चे को साथ लेकर आप पजल्स या दूसरे अच्छे गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। बच्चे वर्चुअल दोस्ती की जगह जो वास्तविक दोस्त हैं, उनके साथ खेलें।
सवाल : नींद नहीं आती है, नींद की गोली लेकर सोता हूं। दवा छोड़ना चाहता हूं क्या करूं?
बजरंगी लाल गुप्ता, ऐशबाग
जवाब : देर रात तक मोबाइल के संपर्क में रहने से भी नींद नहीं आती है। नींद की गोली लेने या छोड़ने को लेकर आप अपने चिकित्सक से बात करें। उनकी सलाह पर ही दवा छोड़ने या आगे चलाने का निर्णय लें।
सवाल : दो साल और पांच साल के बच्चे हैं। दोनों फोन नहीं छोड़ते हैं। इससे उन्हें भूख भी नहीं लगती है। मोबाइल कैसे छुड़ाएं?
सुषमा, लखनऊ
जवाब : दो से पांच साल के बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल करने से जरूर रोकें। कई बार घर में बच्चे बड़ों को मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए देखते हैं तो उन्हें लगता है कि मोबाइल वह भी चला सकते हैं। ऐसे बच्चे मोबाइल के साथ रहेंगे तो उनके दिमाग का विकास नहीं हो पाएगा। बच्चों को अकेले मोबाइल देकर मत छोड़ें। उनके साथ लूडो या पेपर क्राफ्ट करने का गेम खेल सकते हैं। छोटे बच्चे पैरेटेंस की अटेंशन चाहते हैं। इसलिए घर पर बच्चों के साथ मिलकर आप घर के छोटे मोटे काम भी करना सिखा सकते हैं।
सवाल : मेरा बेटा 12वीं में पढ़ता है, मोबाइल का दीवाना है। पढ़ाई नहीं करता है। रिजल्ट भी गिरता जा रहा है। चिढ़चिढ़ा भी हो रहा है। खाना- पीना कम कर दिया है। इससे वजन भी कम होता जा रहा है, मोबाइल से कैसे बचाऊं?
सुनील दुबे, खरगापुर, लखनऊ
जवाब : मोबाइल की अधिकता अवसाद बढ़ा रहा है। मोबाइल की लत खतरनाक स्थिति में पहुंचा सकती है। आप मनोचिकित्सक से मिल सकते हैं। बच्चे के साथ संवाद बढ़ाएं। बताएं कि मोबाइल से उसे क्या नुकसान हो रहा है। उसे नई चीज सीखने के लिए प्रेरित करें, यह भी बताएं कि तकनीकी का इस्तेमाल करके आगे बढ़ना चाहिए। तुम पीछे जा रहे हो।
सवाल : बेटा स्कूल से आते ही नियमित रूप से आधा घंटा मोबाइल देखता रहता है?
शेखर पांडेय, चौपटिया चौक
जवाब : आप सबसे पहले यह देखिए कि वह आधे घंटे की मोबाइल पर क्या देखता है। अगर मनोरंजन के लिए कुछ देखता है तो ठीक है। अगर बच्चा मोबाइल देखने से मना करने पर भी उग्र होता है, बार- बार मोबाइल मांगता है तो वह मोबाइल की लत में आने लगता है। इससे रोकने के लिए खेल की गतिविधियों में उसे शामिल कराएं। बाहर प्राकृतिक वातावरण में समय बिताएं।
डिजिटल हाइजीन का रखें ध्यान
- बिस्तर के पास मोबाइल चार्ज मत करें। नोटिफिकेशन आफ करके रखें।
- सुबह उठने पर सबसे पहले मोबाइल देखने से बचें।
- हर वक्त मोबाइल हाथ में मत रखें।
- सुबह उठने के बाद कुछ समय टहले, किताबें पढ़ें।
- मोबाइल में कुछ भी देखते हैं तो सबसे पहले खुद से पूछे कि इसकी आवश्यकता क्यों है।
- दिन के महत्व को समझे, दिन को आटो पायलट मोड में मत छोड़े।
- टेक्नोलाजी का सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करें।