झंडे पर चिंता

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 983711714

झंडे पर चिंता

झंडे पर चिंता

राष्ट्रीय शोक खत्म लेकिन झुका झंडा झुका ही रहा! जी हां, बीते दिनों यह माजरा दिखा दिल्ली में! दरअसल, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु पर देश भर में राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई थी। लेकिन अगले दिन राष्ट्रीय शोक खत्म होने के बाद भी दिल्ली में कई जगह झंडे नियमित रूप में नजर नहीं आए बल्कि वो झुके नजर आए।

खासकर आजाद मंडी के सामने महिंद्रा पार्क में झुके झंडे को देख लोग बिफर पड़े। बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में 500 जगहों पर झंड़े लगाए हैं। लेकिन इसकी देख रेख में कुछ जगह चूक हो जा रही है! राष्ट्रीय शोक खत्म होने के बाद भी झंडे के झुके रहने के मुद्दे को भाजपा ने लपक लिया। दनादन ट्वीट होने लगे। मीडिया को टैग किया गया। केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया। इसके बाद सरकार जागी और झंडा फिर अपनी जगह लहरा पाया।

नाम पर कालिख

दिल्ली में राजनीतिक टकराव हर तरफ साफ नजर आता है। सोशल मीडिया से लेकर क्षेत्र में भी अपने प्रतिद्वंद्वी को नीचा दिखाने में नेता पीछे नहीं रहते हैं। अभी हाल का वाकया गांधी नगर विधानसभा में नजर आया। यहां एक नेता दूसरे पार्टी में गए तो वहां से माननीय बन गए। अब उनके बोर्ड इलाके में यह बताते नजर आ रहे हैं कि अगर कोई शिकायत हो तो उनसे उनके कार्यालय या फिर मोबाइल पर संपर्क कर सकते हैं।


लेकिन बोर्ड पर किसी ने कालिख पोत दी। नेता जी जब-जब बोर्ड साफ करवाते कोई न कोई उस पर कालिख पोत जाता। इलाके में बेदिल को जब यह पता तो उसे लोगों ने बताया कि शायद कोई नहीं चाहता कि जनता उन तक अपना दुखड़ा लेकर पहुंचे।

आपदा में अवसर

आपदा में अवसर पाते ही लोग दूसरों की परेशानी तक नहीं देखते। दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में यह नजारा दिखा। दरअसल, यहां दो दशक से ज्यादा समय से सेक्टर-9, 10 में कारोबार करने वाले व्यापारियों को फैक्टरियों में दुकान होने के कारण बंद करने का फरमान दिया गया है। नहीं मानने वालों के परिसर सील करने की चेतावनी है। अब ज्यादातर किराए पर चलने वाली इन दुकानों के मालिकों ने सामान समेटना शुरू दिया है। लेकिन आनन- फानन लाखों से करोड़ों रुपए के बिजली, हार्डवेयर, टायलेट फिटिंग, प्लाई बोर्ड, मशीनरी आदि को हटाना चुनौती है।

अब ऐसे में मौके का फायदा उठाते हुए एकाएक इतने सामान को रखने के लिए आसपास के गांवों और झुग्गीवालों ने किराए की कीमत दो से तीन गुना बढ़ा दी है। मजबूरी में ही सही कुछ ने वहां सामान रखना शुरू कर दिया है। बेदिल को मिले कुछ कारोबारियों ने अपना दुखड़ा सुनाया। बोले, जिनके पास कागज, बिल, पंजीकरण सब कुछ है उन्हें अवैध बताया जा रहा है और उन्हीं दुकानों के सामने बनी अवैध झोपड़ियों को कितनी आसानी वैध बना दिया गया है। अब मजबूरी में अपनी दुकानों का वैध सामान इन अवैध झोपड़ियों में रखना पड़ रहा है।

फिर जागी उम्मीद

राजधानी में दिल्ली नगर निगम चुनावों को लेकर एक बार फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इसके साथ ही कल तक चुनावों को लेकर मायूस नजर आने वाले नेता जी के चेहरे भी खिलने लगे हैं। अब ऐसे नेता पार्टी मुख्यालय में पूरे फार्म में नजर आ रहे हैं। कुछ नेता यह मान कर चल रहे हैं कि कार्यों की समीक्षा के आधार पर पार्टी यदि टिकट का बंटवारा करती है तो उम्मीद है कि उन्हें पार्टी की ओर से जरूर मौका दिया जाएगा।

यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज पार्टी के मुख्यालय में बदला-बदला सा माहौल नजर आने लगा है। टिकट मिलने का उम्मीद लगाए बैठे नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी उम्मीदवार बनाएगी या नहीं यह तो चुनाव के वक्त ही पता चलेगा, लेकिन नेता जी जिस रौब के साथ कार्यकर्ताओं के साथ पेश आ रहे है उससे तो लगता है कि वह मान बैठे हैं कि निगम चुनाव में पार्टी उन पर भरोसा कर सकती है।