इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण, जानें नेताजी जी की बेटी ने क्या कहा

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

Anita Bose

प्रतिमा का अनावरण आजाद हिंद फौज के पारंपरिक गीत ‘‘कदम, कदम बढ़ाए जा’’ की धुन के साथ किया गया। करीब 26,000 घंटे के अथक कलात्‍मक प्रयासों से अखंड ग्रेनाइट को तराश कर 65 मीट्रिक टन वजन की इस प्रतिमा को तैयार किया गया है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्‍य प्रतिमा का अनावरण किया। इस पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ का भी एक बयान सामने आया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि नेताजी की प्रतिमा किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा की जगह लेगी। यह महान प्रतीकात्मक मूल्य का है कि भारत स्वतंत्रता संग्राम के एक नेता को ऐसे स्थान पर ले गया है जहां एक कभी औपनिवेशिक शक्तियां आराम करती थीं। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि इतने दशकों के बाद भारतीय देशवासियों ने उनका नाम और स्मृति बरकरार रखी। लोग उन्हें तब भी याद करते हैं जब स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका वास्तव में आधिकारिक तौर पर इतनी मान्यता प्राप्त नहीं थी। लेकिन उन्होंने भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने कहा कि वह आजाद भारत में पैर नहीं रख सके। मेरी इच्छा है कि कम से कम उनके अवशेष अपनी मातृभूमि पर लौट आएं और एक अंतिम विश्राम स्थल मिले। दस्तावेज इस बात का प्रमाण है कि 18 अगस्त, 1945 को वर्तमान ताइवान में विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। मुझे उम्मीद है कि उनकी अस्थियां देश में वापस लाई जाएंगी। प्रतिमा का अनावरण आजाद हिंद फौज के पारंपरिक गीत ‘‘कदम, कदम बढ़ाए जा’’ की धुन के साथ किया गया। करीब 26,000 घंटे के अथक कलात्‍मक प्रयासों से अखंड ग्रेनाइट को तराश कर 65 मीट्रिक टन वजन की इस प्रतिमा को तैयार किया गया है। काले रंग के ग्रेनाइट पत्‍थर से निर्मित 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा इंडिया गेट के समीप एक छतरी के नीचे स्‍थापित की गई है।

नेताजी को याद करते हुए मोदी ने कहा कि आज इंडिया गेट के समीप हमारे राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है। गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी। आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की स्थापना करके आधुनिक, सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है। उन्होंने कहा कि सुभाषचंद्र बोस ऐसे महामानव थे, जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे। उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि, पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था। उनमें साहस था, स्वाभिमान था। उनके पास विचार थे, विजन था। उनमें नेतृत्व की क्षमता थी, नीतियां थीं। मोदी ने कहा कि अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता! लेकिन दुर्भाग्य से, आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया। उनके विचारों को, उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया।