क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

मोदीनगर । Shardiya Navratri 2022: 26 सितंबर 2022 से शक्ति आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि शुरु होने जा रहा है। शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा की पूजा और साधना की जाती है। इसके अलावा देवी के नौ अलग-अलग रूपों की भी पूजा होती है। हिंदू धर्म में देवी दुर्गा जो माता पार्वती का ही स्वरूप हैं उन्हें महाशक्ति के रूप में पूजा जाता है।
पितृ पक्ष के बाद शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का काफी महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों तक माता को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत रखते हैं। मान्यताओं के अनुसार, शारदीय नवरात्र के दौरान विधि-विधान से देवी दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं नवरात्रि तिथि, पूजा विधि और पूजन सामग्री की लिस्ट।
शारदीय नवरात्रि तिथि : पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का त्योहार 26 सितंबर 2022 से प्रारंभ होगा। नवरात्रि का पर्व 4 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा।
शारदीय नवरात्रि का कैलेंडर और तिथि के अनुसार भाेग
- पहला दिन - 26 सितंबर: मां शैलपुत्री- देसी घी
- दूसरा दिन- 27 सितंबर: मां ब्रह्मचारिणी- शक्कर, सफेद मिठाई, मिश्री और फल
- तीसरा दिन- 28 सितंबर: मां चंद्रघंटा- मिठाई और खीर
- चौथा दिन- 29 सितंबर: मां कुष्मांडा- मालपुआ
- पांचवां दिन- 30 सितंबर: मां स्कंदमाता- केला
- छठा दिन- 1 अक्टूबर: मां कात्यायनी- शहद
- सातवां दिन- 2 अक्टूबर- मां कालरात्रि- गुड़
- आठवां दिन- 3 अक्टूबर- मां महागौरी पूजा- नारियल
- नौवा दिन- 4 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री- अनार और तिल
शारदीय नवरात्रि की पूजा विधि : सुबह उठकर स्नान करें। फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें। घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें। मां दुर्गा का शुद्ध जल से अभिषेक करें। देवी को अक्षत, सिंदूर और लाल पुष्प अर्पित करें। फल और मिठाई का भोग लगाएं। दुर्गा चालीसा का पाठ करें। फिर आरती करें।
पूजा सामग्री की लिस्ट
- लाल चुनरी
- लाल वस्त्र
- मौली
- श्रृंगार का सामान
- दीपक
- घी या तेल
- धूप
- नारियल
- अक्षत
- कुमकुम
- पुष्प
- देवी की प्रतिमा या फोटो
- पान
- सुपारी
- लौंग
- इलायची
- मिश्री
- कपूर
- फल और मिठाई
- कलावा
शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जप
- ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।
- सर्वमंगल मांगल्ये शिव सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते।।
- ऊं जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
- सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते। भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तुते।।
- शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते।।
- सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि। गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते।।
शारदीय नवरात्रि पर क्या करें : सात्विक भोजन, साफ सफाई, देवी आराधना, भजन-कीर्तन, जगराता, मंत्र, देवी आरती।
शारदीय नवरात्रि पर क्या न करें : प्याज, लहसुन, शराब, मांस-मछली का सेवन, लड़ाई, झगड़ा, कलह, कलेश, काले कपड़े और चमड़े की चीजें न पहने, दाढ़ी, बाल और नाखून न काटें।