क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बीमारियों का कारण
कालेज में बाल रोग विभाग के विशेषज्ञ डा. दीपक मिश्रा ने बताया एक से सोलह वर्ष तक के बच्चों के बार-बार बीमार होने का कारण उनकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता है। बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है। विटामिन डी व खून की कमी हो जाती है। लंबाई पर असर पड़ता है। कालेज प्राचार्य प्रो. प्रकाश चंद सक्सेना व विभाग के हेड डा. महेश नारायण गुप्ता के मार्गदर्शन में स्वर्णप्राशन पर कार्य शुरू किया गया था।
ये है स्वर्णप्रासन औषधि
डा. मिश्रा ने बताया कि शहद व देसी घी में स्वर्ण के नैनो पार्टिकल के साथ कुछ बल व बुद्धिवर्धक बूटी मिलाकर स्वर्णप्राशन औषधि तैयार की गई है। यह बच्चों के लिए काफी लाभकारी है।
100 बच्चों पर हुआ शोध
मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में इस वर्ष एक जनवरी से 31 अगस्त तक 100 बच्चों पर शोध हुआ। इसमें 50 बच्चों को रोग प्रतिरोधक बढ़ाने वाली सामान्य दवा दी गईं, वहीं 50 बच्चों को पुष्य नक्षत्र में हर माह स्वर्णप्राशन औषधि पिलाई गई। साथ में योग कराया गया। स्वर्णप्राशन लेने वाले बच्चे, अन्य बच्चों की तुलना में कम बीमार हुए। वे ऊर्जावान भी अधिक पाए गए।
कुपोषण माह में विशेष शिविर
डा. महेश नारायण गुप्ता ने बताया कि सितंबर को कुपोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्लम एरिया में शिविर लगाकर बच्चों को बलवर्धक औषधियां व बिस्किट खिलाएं जा रहे हैं। सेरेब्रल पाल्सी, आटिज्म व डाउन सिंड्रोम जैसी बीमारियों में आयुर्वेदिक औषधियां में काफी गुणकारी सिद्ध हुई है।
स्वर्णप्राशन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है। पुष्य नक्षत्र में औषधि देने का कोई ज्योतिषी कारण नहीं। जनजागरूकता के लिए विशेष दिन निर्धारित किया है। ऐसे बच्चे जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन्हें कालेज के हास्पिटल में स्वर्णप्राशन का सेवन कराएं।
- प्राचार्य प्रो. प्रकाश चंद सक्सेना