छात्रों के लिए छोटा और सरल टीचर्स डे भाषण , जल्दी से हो जाएगा याद

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

Teachers Day Speech : भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। अगर आप भाषण देने वाले हैं तो आप इस तरह का भाषण दे सकते हैं

Teachers Day Speech In Hindi : छात्रों के लिए छोटा और सरल टीचर्स डे भाषण , जल्दी से हो जाएगा याद
Teachers Day Speech In Hindi : भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्रख्यात विद्वान, भारतीय संस्कृति के संवाहक और महान दार्शनिक थे। हर व्यक्ति के जीवन में उसके शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। इतना महत्वपूर्ण कि उसे भगवान का दर्जा दिया जाता है। शिक्षक दिवस के दिन स्कूल और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें स्टूडेंट्स टीचर्स पर स्पीच देते हैं। यह दिन शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर करने का दिन होता है। इस टीचर्स डे पर अगर आप भाषण देने वाले हैं तो आप इस तरह का भाषण दे सकते हैं- 

सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं और मेरे दोस्तों को मेरा प्रणाम

आज शिक्षक दिवस है। मैं आप सभी को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शिक्षक हमारे जीवन से स्तंभ होते हैं। वह अपना समय देकर हमारे जीवन को संवारते हैं और आगे बढ़ाते हैं। शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि वह हमेशा हमें अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करते रहते हैं। उनकी कही बातें ही हमारे जीवन का निखारती हैं।


इस दिन देश के पहले उपराष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है जो एक शिक्षक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव तिरुमनी में जन्मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी इसलिए इस दिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक हमारे समाज का निर्माण करते हैं। वहीं हमारे मार्गदर्शक होते हैं। शिक्षक का स्थान माता पिता से भी ऊंचा होता है। माता-पिता बच्चे को जन्म जरूर देते हैं लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्वल भविष्य की नींव तैयार करता है। इसलिए हम चाहें कितने भी बड़े क्यों न होने जाए हमें अपने शिक्षकों को कभी नहीं भूलना चाहिए। 

यकीन मानिए, हमें जीवन के हर मुश्किल और अच्छे मोड़ पर टीचर्स की सिखाई बातें याद आती रहेंगी। एक कुम्हार जैसे मिट्टी के बर्तन को दिशा देता है, वैसे ही टीचर्स हमारे जीवन को संवारते हैं। 

टीचर्स ही हमारी प्रेरणा के स्त्रोत हैं जो हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

मैं अपने भाषण का अंत एक अच्छी शायरी के साथ करना चाहूंगा- 

गुरु तेरे उपकार का,

कैसे चुकाऊं मैं मोल,

लाख कीमती धन भला,

गुरु हैं मेरे अनमोल

Happy Teachers Day