जनसमस्याओं को मौके पर निस्तारित करने को वरीयता देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब सुस्त पड़े अफसरों के पेंच कसने में लगे

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

Public Grievance Solution on Top Priority of CM Yogi Adityanath:
लखनऊ, चन्द्रप्रकाश गोविल. उत्तर प्रदेश में सभी प्रकार की जनसमस्याओं को मौके पर निस्तारित करने को वरीयता देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब सुस्त पड़े अफसरों के पेंच कसने में लगे हैं। गुरुवार को 16 सीनियर आइएएस अफसरों का तबादला करने के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ के निशाने पर वह 73 अफसर हैं जो जनसमस्याओं के निस्तारण में कम रुचि ले रहे हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर सख्त देख माना जाता है, इनमें से भी अधिकांश का कार्यक्षेत्र बदला जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ के निशाने पर पांच कमिश्नर के साथ दस जिलाधिकारी भी हैं, जो सीधा जनता की समस्या को निरस्तारित करने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। इसके साथ ही कानून-व्यवस्था के कार्य में ढीला रवैया अपनाने वाले तीन एडीजी और पांच आइजी भी सीएम योगी आदित्यनाथ के रडार पर हैं।

अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता की समस्याओं के तुरंत निस्तारण को अपनी शीर्ष प्राथमिकता में रखे हैं। इसके बाद भी अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है। जिलों में थाने और तहसील की बात क्या की जाए, शासन स्तर पर बैठे विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, एडीजी, आइजी और एसएसपी की लंबी सूची है, जो जनसमस्याओं के निस्तारण में बाधक साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जिलों की समस्या अधिक आने पर अधिकारियों को चेता चुके सीएम योगी आदित्यनाथ अब बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं।


शिकायतों के निस्तारण पर मुख्यमंत्री कार्यालय से पैनी नजर

जनता की शिकायतों के निस्तारण पर मुख्यमंत्री कार्यालय से पैनी नजर रखी जा रही है। समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन (1076) पर आने वाली शिकायतों के आधार पर विभागों की रैंकिंग जारी की जाती है। जिन विभागों में शिकायतें ज्यादा लंबित रहती हैं, उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। ऐसी ही जुलाई की रिपोर्ट तैयार हुई है, जिसमें शासन से लेकर थाना-तहसील स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री के राडार पर आ गए हैं। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर के दस विभागाध्यक्षों, पांच मंडलायुक्तों, दस जिलाधिकारियों, पांच विकास प्राधिकरण उपाध्यक्षों, पांच नगरायुक्तों और दस तहसीलों को नोटिस जारी किया गया है। इसी तरह पुलिस विभाग में तीन एडीजी, पांच आइजी-डीआइजी, एसएसपी और एसपी सहित सव थानों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसमस्या के निस्तारण में रुचि ना लेने वाले इन सभी 73 अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब कर लिया है। इसमें से कई का संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई का चाबुक चलना लगभग तय है। मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई पोर्टल पर जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

इन विभागों का प्रदर्शन सबसे खराब

  • नियुक्ति
  • कार्मिक
  • आयुष
  • प्राविधिक शिक्षा
  • कृषि विपणन
  • अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
  • आवास एवं शहरी नियोजन
  • व्यावसायिक शिक्षा
  • नमामि गंगे
  • ग्रामीण जलापूर्ति
  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन

तमाम अधिकारियों की जनता की समस्याओं के तुरंत समाधान में कम या जरा भी रुचि नहीं दिख रही है। ऐसे अधिकारी जनसमस्याओं के निस्तारण में बाधक साबित हुए हैं।