'आजादी से अंत्योदय तक' अभियान में गाजियाबाद अव्वल:9 मंत्रालयों की 17 योजनाओं से पात्र व्यक्ति जोड़कर देश के 74 शहरों को पछाड़ा

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141


भारत सरकार के 'आजादी से अंत्योदय तक' अभियान में उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद को पूरे देश में प्रथम स्थान मिला है। 9 मंत्रालयों की 17 योजनाओं को गाजियाबाद में प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाया गया।

अब गाजियाबाद के DM राकेश कुमार सिंह और CDO विक्रमादित्य मलिक दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में 26 सितंबर को सम्मानित होंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव कर्मा जिंपा भुटिया की ओर से दोनों अफसरों को न्योता भेजा गया है।

देश की आजादी में दुर्गावती उर्फ दुर्गा भाभी का अहम योगदान रहा था।
देश की आजादी में दुर्गावती उर्फ दुर्गा भाभी का अहम योगदान रहा था।

दुर्गा भाभी की वजह से हुआ था गाजियाबाद का चयन
28 अप्रैल‚ 2022 को भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ‘आजादी से अंत्योदय तक’ अभियान का शुभारंभ हुआ था। 90 दिवसीय इस अभियान में 27 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 75 शहरों में 9 मंत्रालयों की 17 योजनाओं का लाभ पहुंचाना था।


इसमें उत्तर प्रदेश से गाजियाबाद, शाहजहांपुर और बलिया जिले शामिल थे। ये जिले भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के 99 अनाम स्वतंत्रता सेनानी नायकों के जन्मस्थान से जुड़े हुए हैं।

स्वतंत्रता सेनानी दुर्गावती का संबंध गाजियाबाद से है। इन जनपदों का चयन मासिक प्रति व्यक्ति संकेतक और जनगणना-2011 के डेटा के आधार पर किया गया था। यह अभियान वर्ष भर चलने वाले 'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत शुरू किया गया है।

ये 9 मंत्रालय थे शामिल
ग्रामीण विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग-दिव्यांगजन, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, पशुपालन और डेयरी विभाग, श्रम और रोजगार मंत्रालय।

28 अप्रैल 2022 को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 'आजादी से अंतोदय तक' अभियान का शुभारंभ किया था।
28 अप्रैल 2022 को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 'आजादी से अंतोदय तक' अभियान का शुभारंभ किया था।

ये थीं प्रमुख योजनाएं

  • सभी दिव्यांगों के लिए यूडीआईडी कार्ड
  • SAM बच्चों की पहचान करके उनका पोषण
  • प्रधानमंत्री जन धन, जीवन ज्योति और सुरक्षा बीमा योजना का लाभ
  • कौशल केंद्रों की स्थापना
  • पीएम किसान योजना में प्रत्येक किसान का रजिस्ट्रेशन और पैसा ट्रांसफर
  • हर घर दस्तक में कोविड टीकाकरण पर जोर
  • पशुओं का FMD टीकाकरण
  • पशुपालक और डेयरी किसानों को केसीसी का लाभ
  • सभी प्रकार के श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करना
  • कृषि उद्यमी पाठ्यक्रम शुरू करना

स्वतंत्रता सेनानी दुर्गा भाभी के बारे में जानिए...
स्वतंत्रता सेनानी दुर्गा भाभी का असली नाम दुर्गावती देवी था। उनका जन्म 07 अक्टूबर 1907 को उत्तर प्रदेश के कौशांबी जनपद स्थित शहजादपुर गांव में हुआ था। दुर्गावती भारत की आजादी और ब्रिटिश सरकार को देश से बाहर खदेड़ने के लिए सशस्त्र क्रांति में सक्रिय भागीदार थीं।

जब वह भगत सिंह और उनके दल में शामिल हुईं तो उन्हें आजादी के लिए लड़ने का मौका भी मिला। भारत की आजादी के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना अंग्रेजों से लड़ीं। वे स्वतंत्रता सेनानियों की हर आक्रामक योजना का हिस्सा बनी।

दुर्गा भाभी बम बनाती थीं तो अंग्रेजों से लोहा लेने जा रहे देश के सपूतों को टीका लगाकर विजय पथ पर भी भेजती थीं। बाद में दुर्गावती उर्फ दुर्गा भाभी की गिरफ्तारी हुई। जेल से रिहाई के बाद साल-1935 में वे गाजियाबाद में आ गईं।

एक स्कूल में नौकरी करने लगीं। 15 अक्तूबर 1999 को उनका निधन हो गया। इन्हीं दुर्गा भाभी की वजह से केंद्र सरकार ने इस अभियान में गाजियाबाद को भी शामिल किया।

26 सितंबर को दिल्ली में सम्मान समारोह
ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव कर्मा जिंपा भुटिया ने कहा, गाजियाबाद ने इस अभियान में 94 फीसदी लक्ष्य हासिल किए हैं। इस अभियान में जो टॉप-10 जिले चुने गए हैं, उसमें गाजियाबाद नंबर वन पोजिशन पर रहा है। 26 सितंबर को सम्मान समारोह दिल्ली में लोधी रोड स्थित इंडिया हेबिटेट सेंटर में रखा गया है। इसमें गाजियाबाद के डीएम और सीडीओ दोनों बुलाए गए हैं।