उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम के अपराधियों का दोष सिद्ध होने की दर 83.2 प्रतिशत

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

NCRB Report 2022 : एनसीआरबी 2021 रिपोर्ट।
लखनऊ, चन्द्रप्रकाश गोविल। साइबर क्राइम (Cyber Crime) के अपराधियों को सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों से कहीं आगे है। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम के अपराधियों का दोष सिद्ध होने की दर 83.2 प्रतिशत थी। 70.8 प्रतिशत दोष सिद्धि दर के साथ पश्चिम बंगाल दूसरे और 66.7 प्रतिशत दर के साथ बिहार तीसरे स्थान पर था।

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार देश भर में विचारण (ट्रायल) के लिए आए साइबर क्राइम के 54289 मामलों में सर्वाधिक 17,258 केस उत्तर प्रदेश से संबंधित थे। उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम के 292 मामलों में अपराधियों को सजा दिलाने में सफलता मिली। दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश और तीसरे पर झारखंड रहे। मध्य प्रदेश में साइबर क्राइम के 50 और झारखंड में 25 मामलों में अपराधियों को सजा दिलाने में सफलता मिली।


महिलाओं के साथ हुए साइबर क्राइम में उत्तर प्रदेश का देश में तीसरा सथान है। गत वर्ष कर्नाटक में महिलाओं के साथ साइबर क्राइम के 2243, महाराष्ट्र में 1697 और उत्तर प्रदेश में 958 मामले दर्ज किए गये। वहीं बच्चों के साथ साइबर क्राइम के मामलों में उत्तर प्रदेश पांचवें पायदान पर है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि बच्चों के साथ हुए साइबर क्राइम में 168 मामलों के साथ महाराष्ट्र पहले, 164 केस के साथ कर्नाटक दूसरे और 162 मामलों के साथ दिल्ली तीसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में बच्चों के साथ साइबर क्राइम के 101 मामले दर्ज किये गए।

गौरतलब यह भी है कि वर्ष 2020 की तुलना में पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में दर्ज किये गए साइबर क्राइम की संख्या में 20 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। वर्ष 2021 के दौरान उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम के 8829 मामले रिपोर्ट किये गए।

तेलंगाना में सर्वाधिक 10,303 केस रिपोर्ट किए गये जो वर्ष 2020 की तुलना में 105 प्रतिशत अधिक है। साइबर क्राइम के माध्यम से हुए फ्राड के प्रकरणों में उत्तर प्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। इस मामले में तेलंगाना, महाराष्ट्र और बिहार क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।