बदजुबान नेता(सम्पादकीय)

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

(सम्पादकीय)

बदजुबान नेता

Prophet remarks | Telangana BJP MLA |T Raja Singhपैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की नेता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से भड़का विवाद शांत हुए अभी दो महीने भी नहीं बीते कि अब तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा ने ऐसी ही हरकत कर माहौल बिगाड़ दिया। राजा ने सोमवार को हैदराबाद में एक वीडियो जारी किया था और उसमें इससे संबंधित आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। जाहिर है, इस वीडियो के चर्चा में आने के बाद दूसरे समुदाय में उग्र प्रतिक्रिया होनी ही थी। लोग भड़क उठे। हैदराबाद शहर में जगह-जगह प्रदर्शन हुए। मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने मंगलवार को राजा को गिरफ्तार कर लिया।


हालांकि अदालत ने उन्हें तत्काल जमानत पर छोड़ दिया। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने राजा को पार्टी से निलंबित कर यह संदेश देने की कोशिश की कि वह ऐसे नेताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी जो अपने जहरीले बयानों से पार्टी की छवि खराब रहे हैं। यह घटना बता रही है कि एक दूसरे के धर्मों के खिलाफ टीका-टिप्पणी और आपत्तिजनक बातें करने की घातक प्रवृत्ति हमारे नेताओं का हिस्सा बन चुकी है।

हैरानी और दुख की बात तो यह है कि आखिर हमारे नेता इस बात को क्यों नहीं समझ रहे हैं कि उनकी बदजुबानी समाज को बांट रही है और इससे अशांति और टकराव के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हो रहा। दो महीने पहले ही हमने देखा कि नूपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणियों से जो प्रतिक्रियाएं हुर्इं, उसका नतीजा राजस्थान के उदयपुर एक व्यक्ति की हत्या और फिर महाराष्ट्र के अमरावती में एक दवा विक्रेता की हत्या के रूप में सामने आया। ऐसी अमर्यादित और भड़काऊ टिप्पणियों पर सर्वोच्च अदालत ने भी गहरी नाराजगी जताई थी।

इसके बाद भी अगर राजा ने भड़काऊ बातों वाला वीडियो जारी करने का दुस्साहस किया तो निश्चित ही इसके पीछे उनके मन सुरक्षा का कोई न कोई ऐसा भाव रहा होगा जिसकी वजह से वे ऐसा करने में जरा नहीं हिचकिचाए। हालांकि राजा ने यह विवादित वीडियो हास्य कलाकार मुनव्वर राणा के एक कार्यक्रम के विरोध में बनाने की बात कही, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणियां की गई थीं।

दरअसल टी राजा विवादित बयानों के जरिए सुर्खियां बटोरने और लोगों को भड़काने के काम कोई आज से नहीं कर रहे। साल 2017 में उन्होंने हैदराबाद को मिनी पाकिस्तान तक कह दिया था। 2018 में उन्होंने भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को देश नहीं छोड़ने पर गोलियों से उड़ा देने की बात कही थी। इस साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने धमकी दे डाली थी कि भाजपा को वोट नहीं देने वालों के घर पर बुलडोजर चलवा दिया जाएगा। विडंबना यह है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद पार्टी ने या सरकार ने या चुनाव आयोग ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।

सवाल है कि नेताओं की बदजुबानी पर लगाम कैसे लगे? जानते-बूझते भी आखिर क्यों ऐसे नेता इस तरह की बातें करते हैं जो लोगों को हिंसा के लिए उकसाती हैं? चुनावों के दौरान तो अक्सर देखने में आता है कि छोटे-बड़े सभी नेता शर्म-लिहाज भूल जाते हैं और एक दूसरे के धर्मों को नीचा दिखाने में जरा संकोच नहीं करते। बड़ों का ऐसा गरिमाहीन आचरण ही छोटों का मनोबल बढ़ाता है। लेकिन दुख की बात है कि बदजुबानी करने वाले ऐसे किसी नेता या देवी-देवताओं का मखौल उड़ाने वालों के खिलाफ आज तक ऐसी कोई सख्त कार्रवाई होती नहीं दिखी जो मिसाल बनी हो।