क्या सीनियर सिटीजन होना गुनाह है?

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

भारत में 70 वर्ष की आयु के बाद वरिष्ठ नागरिक चिकित्सा बीमा के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें ईएमआई पर ऋण नहीं मिलता है।  ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।  उन्हें आर्थिक काम के लिए कोई नौकरी नहीं दी जाती है।  इसलिए वे दूसरों पर निर्भर हैं।  


उन्होंने अपनी युवावस्था में सभी करों का भुगतान किया था।  अब सीनियर सिटीजन बनने के बाद भी उन्हें सारे टैक्स चुकाने होंगे।  भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई योजना नहीं है।  रेलवे पर 50% की छूट भी बंद कर दी गई है।  यह एक भयानक और दर्दनाक बात है।  अगर परिवार के वरिष्ठ सदस्य नाराज हो जाते हैं तो इसका असर चुनाव पर पड़ेगा और सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।  वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल कौन करेगा?  तो सरकार?  वरिष्ठों में है सरकार बदलने की ताकत, उन्हें कमजोर समझकर न करें नजरअंदाज!  वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में कोई कठिनाई न आए, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।  वह न्याय कहाँ है?  सरकार गैर-नवीकरणीय योजनाओं पर बहुत पैसा खर्च करती है, लेकिन यह कभी नहीं महसूस करती है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक योजना आवश्यक है।  इसके विपरीत बैंक की ब्याज दरों में कमी कर वरिष्ठ नागरिकों की आय कम कर रहा है।  भारतीय वरिष्ठ नागरिक होना एक अपराध है...!  यह सब सोशल मीडिया में साझा करें आप सभी सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं।  आइए वरिष्ठ नागरिकों की आवाज़ को सरकार के कानों तक पहुँचाएँ (इस जानकारी को सभी वरिष्ठ नागरिकों की जागरूकता के लिए साझा करें।) मैं अनसुनी आवाज़ को इतना ज़ोर से सुनाता हूँ कि इसे एक जन आंदोलन के रूप में उठने दें, हम सभी को अपने लिए साझा करना चाहिए .