राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना में गाजियाबाद को शामिल करने के बाद भी यहां मूलभूत सुविधाओं से बड़ी संख्या में लोग वंचित

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

योगी जी सुनो पुकार: हवा स्वच्छ न पानी, शहर में समस्याओं का अंबार

- पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं लाखों लोग

गाजियाबाद : राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना में गाजियाबाद को शामिल करने के बाद भी यहां मूलभूत सुविधाओं से बड़ी संख्या में लोग वंचित हैं। जिसको पूरा करने का आश्वासन तो जनप्रतिनिधियों ने दिया लेकिन पूरा नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री आज गाजियाबाद आ रहे हैं। वह गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर व मेरठ में विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे। दैनिक जागरण ने जिले की दस बड़ी समस्याओं सहित कुछ बड़ी योजनाओं की पड़ताल की तो हालात कुछ इस तरह दिखे।

ट्रांस हिंडन में अस्पताल, मेट्रो विस्तार और पेजयल की समस्या

उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुनील शर्मा रिकार्ड मतों से विजयी हुए। उनका नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में दर्ज हुआ। इस विधानसभा क्षेत्र में सरकारी अस्पताल नहीं है। बीते वर्ष इंदिरापुरम में सौ बेड का अस्पताल बनाने के लिए जमीन देखी गई लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। इसी तरह ट्रांस हिंडन में 10 लाख से अ​​धिक की आबादी रहती है। ट्रांस हिंडन के लोगों की नोएडा सेक्टर 62 से मोहननगर चौराहा और वैशाली से मोहननगर चौराहे तक मेट्रो की मांग है। लोग कई बार सड़कों पर प्रदर्शन कर चुके हैं। मेट्रो रूट के विस्तार की जगह जीडीए द्वारा वहां पर रोप-वे प्रोजेक्ट की योजना बनाई जा रही है, जिसका लोगों ने विरोध भी किया है। इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर करने का कार्य भी अब तक पूरा नहीं हुआ है।


करोड़ों में बनी सड़क होने लगी खराब :

इंदिरापुरम के एसटीपी से शोधित होकर निकलने वाले पानी को एनएच-नौ तक ले जाने के लिए जल निगम की ओर से सीआइएसएफ रोड की खोदाई कर पाइपलाइन डलवाई गई। इसके बाद सड़क का निर्माण कार्य कराया गया। गाजियाबाद की लाल चंद एंड कंपनी ने सड़क बनाई है। जगह-जगह बीच रोड पर करीब एक फुट तक मैनहोल उठे हुए हैं। इसे बने अभी एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन सड़क विभिन्न स्थानों पर सड़क टूटने लगी है।

खोड़ा में पेयजल की समस्या:

खोड़ा में पेयजल की समस्या है। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। खोड़ा में भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है, कई स्थानों पर सबमर्सिबल से पानी आना बंद हो गया है। लोग जल आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ।

विजयनगर में डिग्री कालेज का निर्माण: विजयनगर में एक भी डिग्री कालेज न होने और एकमात्र राजकीय बालिका विद्यालय होने के कारण छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां डिग्री कालेज और एक राजकीय बालिका विद्यालय की मांग लंबे समय से की जा रही है।

धोबीघाट आरओबी का निर्माण कार्य: लाइनपार को शहर से जोड़ने के लिए इस आरओबी की मांग 25 साल पुरानी है, धीमी गति से कार्य होने के कारण लोगों का धोबीघाट आरओबी पर सफर करने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। मधुबन-बापूधाम और गोविंदपुरम को मेरठ रोड से जोड़ने के लिए जीडीए द्वारा बनवाए जा रहे आरओबी का काम भी अब तक पूरा नहीं हो सका है।

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू कराने की मांग : गाजियाबाद में कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या है। इसके लिए गालंद में जमीन अधिगृहीत की गई थी, वहां पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का निर्माण कार्य होना प्रस्तावित है। यह कार्य कुछ लोगों के विरोध के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है, जिस कारण कूड़ा निस्तारण में परेशानी हो रही है।

हरनंदी की सफाई कर पर्यटन स्थल बनाने की मांग: पश्चिमी उप्र की प्रमुख नदियों में से एक हरनंदी नदी सहारनपुर से बागपत, गजियाबाद के रास्ते गौतमबुद्धनगर तक जाती है। हरंनदी के पानी में घुलित आक्सीजन की मात्रा शून्य है। नदी में अब भी नालों का पानी और औद्योगिक इकाइयों का पानी बिना शोधित हुए प्रवाहित किया जाता है, जिस कारण नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है। जिला प्रशासन सहित अन्य विभाग के अधिकारी हरनंदी की सफाई कराने और उसमें प्रदूषण को रोकने में नाकाम साबित हुए हैं।