विपक्ष के नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के गाजियाबाद दौरे से शहर के लोगों को परेशानियों के अलावा कुछ न मिला

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141



गाजियाबाद, आशीष वाल्डन। मुख्यमंत्री दो दिन गाजियाबाद में रहे, शहर के विकास कार्यों के प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। भाजपा के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि इससे उत्साहित हैं, लेकिन विपक्ष के नेताओं ने इस पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गाजियाबाद दौरे से शहर के लोगों को परेशानियों के अलावा कुछ न मिला। न कोई घोषणा, न सौगात। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने की बजाय जनता दर्शन करते। शिकायतकर्ता आते तो हकीकत खुद ब खुद सामने आ जाती।

सरकारी खर्चे का हुआ दुरुपयोग, जनता को कुछ हासिल नहीं:
बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र जाटव का कहना है कि मुख्यमंत्री के दौरे में सीधे सरकारी खर्च का दुरुपयोग हुआ है। जनता से मिलने की जगह संगठन के काम निपटाए गए। न किसी सरकारी डिग्री कालेज और न ही अस्पताल की घोषणा की। पूर्व की तैयार या फिर निर्माणाधीन योजनाओं का भ्रमण करने की जगह मोदीनगर में दुष्कर्म की पीड़ित नौ साल की बच्ची से मिलने जाना चाहिए था। शहर में रोजाना हो रही लूट डकैती की घटनाओं पर मुख्यमंत्री मौन रहे।
छह साल में सिर्फ निरीक्षण आया याद

सपा के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी का कहना है कि छह साल में मुख्यमंत्री जाम से राहत नहीं दिला पाए। जनता को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के आने पर पुल शुरू हो जाएगा, लेकिन निरीक्षण के नाम पर लॉलीपाप और पूरे शहर को जाम दे गए। मुख्यमंत्री के आने से शहर में हर तरफ जाम लगा, जिससे लोग परेशान हुए।
सिर्फ दिखावे का दौरा
रालोद के कार्यवाहक महानगर अध्यक्ष अरुण कुमार चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री का दौरा सिर्फ दिखावा था। उन्होंने एक मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि पार्टी नेता के तौर पर दौरा किया है। उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक ली। उनके आने से रूट बंद किए गए इससे लोगों को परेशानी हुई। जनता के लिए मुख्यमंत्री के पास कुछ नहीं था।
गन्ना किसानों के दर्द को भी नहीं सुना
रालोद नेता अमरजीत सिंह बिड्डी का कहना है कि मुख्यमंत्री गेस्ट हाउस में ठहरे थे, भाजपा के साथ-साथ अन्य दलों के पदाधिकारियों से भी मिल लेते तो जिले की हकीकत की जानकारी मिल जाती। कम से कम गन्ना किसानों की बकाया रकम का भुगतान न होने का दर्द ही सुन लेते।