!! "वृन्दावन का रहस्य" !!

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

  !! "वृन्दावन का रहस्य" !!
एकबार एक बंगाली व्यक्ति घर से परेशान हो गया ! उन्होंने सोचा कि लोग कहते है कि कृष्ण भगवान् की भक्ति करने से जीवन सफल हो जाता है ! उसने निर्णय लिया कि मैं वृन्दावन जा के वहाँ ध्यान करूँगा और वो वृन्दावन आ गए !


उन्होंने 20 वर्ष तपस्या की लेकिन कन्हैया राधा का दर्शन नही हो पाया,
आखिर वो थक गया और पुन: विचार किया कि चलो कान्हा तो मिलेंगे नही अपने गांव चलते है वहां चावल तो खाएंगे ( बंगाली वैसे भी चावल के शौकीन होते है )
वो अपना सामान ले के पैदल चल पड़ा क्योंकि किराया था नही पास,
जैसे ही वृन्दावन से रवाना हुआ तो रास्ते मे एक अति शौभनीय महल दिखाई दिया वहां एक कन्या खड़ी थी ....
उस कन्या ने उस वृद्ध बाबा को बोला बाबा यहाँ हमने आज हवन रखा है तो आप हमारे यहाँ भोजन करे ! बाबा वैसे भी भूखा था चलो कन्या ने बोल दिया तो भोजन कर ही लेते है, 
बाबा महल में गए और उस कन्या ने आसन लगा दिया भोजन रख दिया .... 
बाबा बैठ गए और भोजन करने लगे ... कन्या पास खड़ी थी ..... 
बाबा ने उस कन्या को देखा तो परछाईं के रूप में कभी राधा का दर्शन तो कभी कान्हा का दर्शन .... 
बाबा सोच में पड़ गए कि क्या है ये, फिर सोचा कि आँखे कमजोर है इसलिए हो रहा है जैसे ही भोजन किया कन्या ने बोला बाबा अब मैं जाऊं आप प्रस्थान करो ....
बाबा बोले ठीक है बेटा जाओ ! कन्या वहां से गायब .... फिर देखा तो वहां न तो महल था और ना ही वहाँ आसन था जिस पर बाबा बैठे थे तब उस बाबा को यकीन हुआ कि भगवान् तो है लेकिन परीक्षा बहुत लेते है !
तब उसने ठान ली कि मरेंगे तो वृन्दावन में और जियेंगे तो वृन्दावन में ! ये है मेरे वृन्दावन का रहस्य..!!