श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव हर्षोल्लास से संपन्न

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

श्रीकृष्ण प्रतिदिन सुबह शाम यज्ञ करते थे-आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी

महापौर ने किया 'दिव्य सत्संग रश्मि' पुस्तक का विमोचन

गाजियाबाद,आशीष वाल्डन. आर्य समाज अवंतिका योग यज्ञ कार्यशाला के तत्वाधान में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव एवं दिव्य सत्संग रश्मि पुस्तक का विमोचन अवंतिका डबल टंकी वाला पार्क में किया गया आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी के ब्रह्मत्व में यज्ञ संपन्न हुआ।


सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक पंडित अंकित उपाध्याय जी ने इस आतंकवाद के समय में श्रीकृष्ण जैसे महापुरुष,न्यायप्रिय, दुराचारियो का नाश करने के लिए और शांति धर्म की स्थापना के लिए आज आवश्यकता है और उन्होंने भगवान आर्यों को ऐसी लगन लगा दो,देश धर्म की खातिर मरना हमें सिखा दो गीत गया तथा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर अंकित एवं नरेश चन्द्र द्वारा आधुनिक साजबाज पर गाए गीतों से श्रोता झूम उठे।

 


श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के उपलक्ष्य मे आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी जी ने यज्ञ कराया और बताया यज्ञ संसार का सर्वोत्कृष्ट कर्म है श्रीकृष्ण प्रतिदिन सुबह शाम यज्ञ करते थे।उन्होंने कहा आज हम यहां पर श्रीकृष्ण जी का गुणानुवाद करने के लिए एकत्रित हुए हैं,संसार में तीन चीजे हैं,ईश्वर,जीव और प्रकृति चौथी कोई वस्तु नहीं है।परमात्मा ने सारा जगत प्रकृति से मनुष्य के लिए बनाया है। तीनों अनादि सत्ताएं हैं, सत्य हैं,इनका विनाश नहीं होता।जीवात्मा का शरीर के साथ संयोग जन्म और वियोग मृत्यु है।परमात्मा सर्व व्यापक है,विद्या की वृद्धि और अविद्या नाश करो।विष्णु मित्र जी ने कहा- महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश में लिखा कि श्रीकृष्ण का चरित्र महाभारत में अतिउत्तम है उन्होंने जन्म से मरण पर्यन्त कोई गलत काम नहीं किया।श्रीकृष्ण आप्त पुरुष थे,जिसका अर्थ होता है छल कपट से रहित,धार्मिक, विद्वान,शुद्ध,पवित्र।श्री कृष्ण राजा थे।राजा को कूटनीतिज्ञ होना होता है उसको अत्याचारियों को और उनका साथ देने वालों को साम,दाम,दंड और भेद चारों प्रकार से नष्ट किया जा सकता है, इसीलिए श्री कृष्ण ने गुरु द्रोणाचार्य और भीष्म पितामह का वध छल कपट से कराया।उनके बताए पथ पर चलेंगे तभी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

 इस अवसर पर समाज के प्रधान वेद प्रकाश तोमर द्वारा प्रकाशित यज्ञ भजन से संबंधित 'दिव्य सत्संग रश्मि' पुस्तक का विमोचन गाजियाबाद नगर निगम की मेयर श्रीमती आशा शर्मा द्वारा किया गया।

आर्य समाज अवंतिका की संरक्षिका एवं मंच संचालिका डॉ प्रतिभा सिंघल ने बताया कि नंद बाबा के लाख गाय थी।वे माखन चोर नहीं थे।कृष्ण जी पर लगाया हुआ यह लांछन हटाना चाहिए किसी भी हिंदू को श्रीकृष्ण जी को माखन चोर नहीं कहना चाहिए।श्याम चूड़ी बेचने आया जैसे गीत नहीं गाने चाहिए।श्री कृष्ण जी के साथ राधा कृष्ण न कहकर रुक्मणी कृष्ण कहना चाहिए।

इस उत्सव में आर्य समाज के सभी पदाधिकारियों  एवं अवंतिका वासियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

छोटे-छोटे बच्चों ने गीता के श्लोक और इससे संबंधित गीत प्रस्तुत किए और उनको परिणाम स्वरूप समाज द्वारा पुरुस्कृत किया गया।

इस अवसर पर सर्वश्री प्रवीण आर्य,त्रिलोक शास्त्री,वेद प्रकाश तोमर,सुरेंद्र सिंह,रेखा गर्ग, जगदीश आर्य,एसपी सिंह,आशा आर्या,तेज पाल सिंह,प्रमोद शास्त्री,सत्य पाल आर्य,डा अग्नि देव शास्त्री,ज्ञान प्रभा बंसल,सुमन जिंदल एवं संजीव आदि मौजूद रहे।