कृष्णा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के मोहन नगर स्थित इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कालेज को बंद करने का निर्णय

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 983711714

एक माह में 35 से अधिक शिक्षकों ने छोड़ा कालेज
साहिबाबाद : कृष्णा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के मोहन नगर स्थित इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कालेज को बंद करने का निर्णय लेने के बाद से पिछले एक माह में 35 से अधिक शिक्षक कालेज छोड़कर चले गए। कालेज प्रबंधन सभी शिक्षकों को अपने दूसरे कालेज में नौकरी देने का भरोसा देकर रोकने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद भी शिक्षक इस्तीफा देकर जा रहे हैं। इससे छात्र-छात्राओं को शिक्षा की गुणवत्ता खराब होने का डर है। 

कालेज प्रबंधन ने सत्र 2022-23 के लिए दाखिले बंद कर दिए थे। यह कालेज साल 2004 में शुरू हुआ था। कालेज में बीटेक कंप्यूटर साइंस, बीटेक सीएस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बीटेक सीएस एआइ व मशीन लर्निंग, बीटेक इंफार्मेशन तकनीक के साथ एमसीए पाठ्यक्रम संचालित हैं। पिछले पांच साल से लगातार दाखिले की संख्या गिर रही थी। पूर्व में यहां पर 180 फैकल्टी थीं। शिक्षकों को 18 जुलाई को कालेज में दाखिले बंद करने का पता चला। तभी से शिक्षकों ने दूसरी जगह नौकरी तलाश करनी शुरू कर दी थी। कालेज प्रबंधन की तरफ से सभी शिक्षकों को रोकने के लिए लिए उनकी 15 प्रतिशत तनख्वाह भी बढ़ा दी गई। इसके बाद भी शिक्षक दूसरा विकल्प तलाश रहे हैं। 

जाने वाले शिक्षकों को दी गई तीन माह की तनख्वाह :

कालेज प्रबंधन के अनुसार, ज्यादातर शिक्षक प्रथम वर्ष के चले गए। ऐसे में उन्हें नियम के तहत तीन माह की तनख्वाह दी गई। बता दें कि शिक्षकों को पता है कि तीन साल बाद कालेज बंद हो जाएगा। इससे पहले वह दूसरी नौकरी तलाश करने के बाद यहां से जा रहे हैं। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र साइट चार स्थित इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कालेज से भी कुछ शिक्षक नौकरी छोड़कर चले गए हैं। छात्रों ने कालेज से लिखित में लिया था. इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कालेज के छात्र-छात्राओं को जब कालेज बंद करने के फैसले का पता चला तो उन्होंने प्रबंधन से शिक्षा की गुणवत्ता और प्लेसमेंट कराने की बात को शपथ पत्र पर लिखकर लिया था। ऐसे में अब कालेज प्रबंधन दावा कर रहा है कि उनके यहां पहले जैसी शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहेगी। अगर जरूरत पड़ी तो दूसरे कालेज से बेहतर शिक्षकों की व्यवस्था कराई जाएगी। जिन शिक्षकों को दूसरी जगह अच्छे पैकेज पर नौकरी मिल रही वह कृष्णा इंजीनियरिंग कालेज को छोड़कर जा रहे हैं। जाने वालों में कंप्यूटर साइंस के शिक्षक अधिक हैं। हम किसी शिक्षक को नौकरी से नहीं निकाल रहे हैं। इस कालेज में सत्र पूरा होने पर दूसरे कालेज में नौकरी दी जाएगी। शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। बच्चों को पहले की तरह बेहतर शिक्षा और प्लेसमेंट मिलता रहेगा। 

- डा. मनोज गोयल, ज्वाइंट डायरेक्टर, कृष्णा ग्रुप आफ कालेज