45 करोड़ का ऋण फर्जी दस्तावेज पर दिया गया था, बैंक अफसरों और लक्ष्य तंवर के बीच सांठगांठ

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

गाजियाबाद, आशीष वाल्डन। 400 करोड़ के ऋण घोटाले में दर्ज 40 मुकदमों में से पुलिस ने 15 में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी है। इन मामलों में 45 करोड़ का ऋण फर्जी दस्तावेज पर दिया गया था। पुलिस ने इसके लिए ऋण माफिया लक्ष्य तंवर और पीएनबी के तीन अफसरों सहित सात आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। सातों जेल में हैं। चार्जशीट में बताया गया है कि बैंक अफसरों और लक्ष्य तंवर के बीच सांठगांठ थी। लक्ष्य का इशारा पाते ही बैंक अधिकारी ऋण मंजूर कर देते थे।


सात आरोपियों में लक्ष्य तंवर, उसका पिता अशोक कुमार, माफिया का साथी वरुण त्यागी, शिवम और पंजाब नेशनल बैंक के तीन प्रबंधक रामनाथ मिश्रा, प्रियदर्शनी और उत्कर्ष कुमार शामिल हैं। फर्जी दस्तावेज पर ये ऋण 2012 में दिए गए। इसी साल में घोटाले की शुरुआत हुई थी। पुलिस ने बताया कि लक्ष्य तंवर ने बैंक अफसरों के सांठगांठ की और फर्जी दस्तावेज पर ऋण लेकर हड़प गया। 2021 में इस घोटाले का खुलासा हुआ था। इसके बाद 40 केस दर्ज हुए। इनकी जांच पूरी होने पर पूरा खेल सामने आ रहा है। एसपी सिटी निपुण अग्रवाल का कहना है कि अन्य मुकदमों में भी जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किए जाएंगे।
दूसरों की जमीन अपनी बताकर लिया ऋण
15 मामलों की जांच में पाया गया कि लक्ष्य तंवर ने दूसरों की जमीन को अपने लोगों की बताया। इन लोगों को जमीन का मालिक बनाकर पेश किया गया। इसके लिए फर्जी कागज तैयार किए गए। इन कागजात पर ही ऋण लिया गया। बैंक अफसरों ने कागजात का सत्यापन नहीं कराया। न ही जमीन का मौका मुआयना किया। इतना ही नहीं, जमीन की कीमत से कई गुना ज्यादा तक का ऋण दे दिया गया। बाद में ऋण हड़प लिया गया।

11 आरोपी जा चुके जेल
पुलिस ने लक्ष्य तंवर, अशोक कुमार, प्रियदर्शनी, रामनाथ मिश्रा, उत्कर्ष कुमार, वरुण त्यागी, शिवम, सुनील अरोड़ा, नरेश बग्गा, तुषार गोयल और सुमित कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने लक्ष्य तंवर, उसके पिता अशोक कुमार और पत्नी की 11.70 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क कर लिया है।
दो बैंक अधिकारियों की तलाश
पांच बैंक अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। इनमें से पुलिस ने तीन बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। अब फरार चल रहे दो बैंक अधिकारी तारिक हसन और संजय की तलाश की जा रही है।
आगरा और गाजियाबाद में किया घोटाला
पुलिस का कहना है कि जिन बैंक अफसरों पर चार्जशीट दाखिल की गई है, उन्होंने आगरा और गाजियाबाद में तैनाती के दौरान ऋण घोटाला किया। आगरा में ये पीएनबी की चंद्रनगर शाखा में तैनात रहे। लक्ष्य तंवर के कहने पर आगरा से ही गाजियाबाद के लोगों को ऋण मंजूर किया। इसके बाद गाजियाबाद में तैनाती हुई तो यहां भी खेल किया।
आरोपी बैंक अफसर
1. प्रियदर्शनी : आगरा और गाजियाबाद में प्रबंधक के पद पर तैनात रही। ऋण घोटाले में केस दर्ज होने पर बर्खास्त की गई। मूल रूप से बिहार के आरा की है। काफी समय से साहिबाबाद में राजेंद्र नगर में रह रही थी। आरोपी बैंक अफसरों में सबसे पहले गिरफ्तार की गई। पुलिस ने 22 दिसंबर 2021 पकड़ा था । नौ केस दर्ज हैं।
2. रामनाथ मिश्रा : एजीएम के पद पर था। पटना का निवासी है। केस दर्ज होने के बाद दिल्ली के कृष्णापुरी में रिश्तेदार के यहां छिपा था। 23 दिसंबर 2021 को पकड़ा गया। केस दर्ज होने पर बर्खास्त कर दिया गया था। 12 केस दर्ज हैं। आगरा में तैनाती के दौरान 30 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया।
3. उत्कर्ष : मूल रूप से बिहार के पटना का निवासी है। आगरा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में तैनात रहा। गिरफ्तारी के समय ग्रेटर नोएडा में शास्त्रा गामा कॉमर्शियल कांप्लेक्स शाखा में चीफ मैनेजर के पद पर था। पुलिस ने तीन मार्च 2022 को नोएडा से ही गिरफ्तारी की थी । 12 केस दर्ज हैं।