गालीबाज श्रीकांत त्यागी की न्यायिक हिरासत बढ़ी, 15 साल पुराने मामले में हुई थी पेशी

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

नोएडा की लुक्सर जेल में बंद श्रीकांत त्यागी को अदालत में एक अन्य मामले में कोर्ट में पेश पेश किया गया। जहां से श्रीकांत को फिर से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

सेक्टर-93बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी से सुर्खियों में आए तथाकथित भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सोसायटी में एक महिला से बदसलूकी के आरोप में जेल में बंद त्यागी को अदालत ने एक अन्य मामले में मंगलवार को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। यह मामला वर्ष 2007 का है। कोर्ट के आदेश पर जेल में बंद श्रीकांत त्यागी को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। पुलिसकर्मी उसे कोर्ट के पीछे के रास्ते से लेकर पहुंचे। बता दें कि गैंगस्टर केस में 14 दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने के कारण उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से श्रीकांत को फिर से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

srikant_tyagi_judicial_custody_extended_for_14_days_in_noida.jpg
पत्र लिखकर अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की

उधर, न्यायालय में पेशी के दौरान श्रीकांत त्यागी ने अपनी जान का खतरा बताया है। उसने जेल प्रशासन को पत्र लिखकर अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। जेल अधीक्षक गौतमबुद्ध नगर अरुण प्रताप सिंह श्रीकांत ने अतिरिक्त सुरक्षा की मांग के लिए पत्र दिया है। पत्र को पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को भेज दिया गया है। जेल प्रशासन की ओर से श्रीकांत को न्यायालय ले जाते और लाते समय पूरी सतर्कता बरती गई थी।
लुक्सर जेल में बंद है श्रीकांत त्यागी

गौरतलब है कि ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी निवासी श्रीकांत त्यागी ने पांच अगस्त को एक महिला के साथ बदसलूकी की थी। सत्ताधारी भाजपा से जुड़े होने के कारण शुरू में पुलिस ने उसकी तरफदारी की लेकिन स्थानीय सांसद और शासन के दबाव के चलते पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसने अपनी जमानत के लिए 11 और 16 अगस्त को कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन दोनों ही बार अदालत ने उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। वह अब भी गौतमबुद्ध नगर की लुक्सर जेल में बंद है।

सीजेएम कोर्ट ने जारी किया था गैर जमानती वारंट

इस बीच सीजेएम कोर्ट ने वर्ष 2007 के एक पुराने मामले में उसे आज पेश करने का आदेश दिया। श्रीकांत त्यागी वर्ष 2007 में नोएडा के सेक्टर-39 थाने में दर्ज मामले में कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहा था। तब सीजेएम कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। अब नए केस में गिरफ्तारी होने व जिला कारागार में निरुद्ध होने संबंधित प्रार्थना पत्र अधिवक्ता के माध्यम से श्रीकांत ने न्यायालय में दिया था। जिससे गैरजमानती वारंट निरस्त किया जा सके