क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बुलडोजर चलाकर चाहे जितनी वाहवाही लूटे लेकिन अधिकारियों के आगे वो खुद भी बेबस नज़र आते हुए दिखाई दे रहे हैं। राजधानी लखनऊ में ही योगी सरकार के पहले कार्यकाल से लेकर अब तक लगभग 1300 ऐसे अवैध निर्माण हैं जिन्हें गिराने का आदेश जारी हो चुका है लेकिन अधिकारियों की मिली भगत या लापरवाही की वजह से इनमें से अब तक सिर्फ एक दर्जन पर ही कार्यवाई हुई है। जबकि सिर्फ 15 ऐसे अवैध निर्माण हैं जिनहे आंशिक रूप से ही गिराया जा सका है। जबकि बाकी सभी अवैध निर्माण अब तक खड़े योगी के बुलडोजर की हंसी उड़ा रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि खुद एलडीए के वीसी की मीटिंग से ये बात निकलकर सामने आई है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने यूपी की योगी सरकार के पहले कार्यकाल में 2018 के बाद 1300 से ज्यादा अवैध निर्माण ध्वस्त करने के आदेश जारी हुए। लेकिन इनमें सिर्फ 12 को ही गिराया जा सका है। इसके अलावा 700 से अधिक अवैध निर्माणों को सील करने का आदेश दिया गया, लेकिन वहां भी ऐसी कोई कार्रवाई नजर नहीं आ रही है. उसमें भी एलडीए के अधीकारी पूरी तरह से कागजों में ही उलझे हुए हैं। अब अगर इन आंकड़ो पर गौर करें तो साफ तौर पर देखा जा सकता है किं, तत्कालीन 2 बड़े आईएएस अधिकारियों ने कोई काम नहीं किया, या फिर वो सरकार को गलत रिपोर्टिंग करते रहे हैं। मामला चाहे जो भी हो सच्चाई यही है कि योगी के बुलडोजर पर ब्रेक लगाने वाले और सरकार को गलत रिपोर्ट देने वाले ऐसे आईएएस अधिकारियो का अब क्या होगा? हाल ही में आईएएस अभिषेक प्रकाश को हटाकर आईएएस डॉ इंद्र मणि त्रिपाठी को वीसी बनाया गया है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण केवल माफियाओं पर कार्रवाई करने तक सीमित रहा. गाजीपुर के बाहुबली मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण गिरा दिए गए वह चाहे हजरतगंज में हो, जियामऊ में हो या फिर डाली बाग में. इसके अलावा बसपा से जुड़े पूर्व सांसद दाउद अहमद की एक बिल्डिंग गोलागंज में ध्वस्त की गई. मुख्तार अंसारी से जुड़ा हुआ ड्रैगन माल कैसरबाग में ध्वस्त किया गया. बस यही गिने-चुने अवैध निर्माणों पर एलडीए ने कार्रवाई की है.