क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
यूरिक ऍसिड का बढ़ना व उससे अनेकों प्रकार के कष्ट होना, आजकल बहुत अधिक बढ़ गया है। इसके लिए मुख्य रूप से आजकल का जीने का ढंग जिम्मेवार है।
रक्त में यूरिक ऍसिड बढ़ने से मुख्य रूप से गाउट (Gout) होता है, जिससे रोगी के विभिन्न जोड़ों में तेज दर्द, सूजन, व लालगी होती है। यह आमतौर पर पैर के अंगूठे में होता है। बाद में अन्य जोड़ भी प्रभावित हो सकते हैं।
कभी-कभी रोगी को यूरिक ऍसिड की मूत्र-अश्मरी भी होती है। कुछ रोगियों को सारे शरीर में दर्दें भी होती हैं, जबकि कई रोगियों को कोई कष्ट नहीं होता।
लम्बे समय तक रक्त में यूरिक ऍसिड बढ़े रहने से दिल, गुर्दे, व जिगर में कई प्रकार की खराबियाँ हो सकती हैं।
रक्त में बढ़े यूरिक ऍसिड को कम करने के लिए निम्न आयुर्वैदिक उपचार काफी लाभप्रद पाया गया है -
चिकित्सा सूत्र (Principles of Management):
I. तीव्र वेदना (Acute pain) व शोथ (Inflammation) की अवस्था में वातहर/वेदनाहर (Analgesic) व शोथहर (Anti-inflammatory) औषधियों का उपयोग करें;
II. वेदना व शोथ के शमन के पश्चात् धात्वाग्नि-साम्यक् औषधियों का प्रयोग करें (Drugs to restore normal metabolism) ताकि बढ़ी हुई रक्तदुष्टि (Uric acid) की उत्पत्ति कम की जा सके;
III. संशोधन औषधियों का प्रयोग करें (Purificatory drugs) ताकि बढ़ी हुई रक्तदुष्टि (Uric acid) के निष्कासन को बढ़ा जा सके ; तथा
IV. पथ्य-अपथ्य का यथा उचित पालन कराएँ (Lifestyle modifications) रक्तदुष्टि (Uric acid) की उत्पत्ति कम की जा सके।
उपचार (Management):
उपरोक्त चिकित्सा सूत्रों के आधार पर, रक्त में बढ़े यूरिक ऍसिड को कम करने के लिए निम्न आयुर्वैदिक उपचार किया जा सकता है -
I. शोथ व वेदनाहर औषधियाँ (Anti-inflammatory & Analgesic Drugs):
रक्त में बढ़े यूरिक ऍसिड से होने वाले वातरक्त (Gout) में, जब रोगी को दारुण वेदना सहित, तीव्र सन्धि-शोथ (Acute arthritis) हो, तो सबसे पहले इन दो कष्टों का निवारण करने के लिए निम्न शोथ-वेदनाहर औषधियों का प्रयोग करें -
i. शोथहर (Anti-inflammatory) औषधियाँ -
• शल्लकी - Shallaki ghan tab, Loswel tab;
• एरण्डमूल - Erandmula ghan tab, Loswel tab;
• पारिजात - Parijata ghan tab;
• जातीफल - Loswel tab;
Jatiphal ghan tab);
• अश्वगन्धा - Ashwagandha ghan tab;
• गुडूची - Guduchi ext tab;
• तुलसी - Tulasi ext tab;
• सुरञ्जान - Suranjan ext tab;
• गुग्गुलु - कैशोर गुग्गुलु, Revplaq tab;
• दशमूल - Dashmula ghan tab;
• हरिद्रा • Haridra ghan Tab, हरिद्रा खण्ड;
• रास्ना - Rasna ghan tab, रास्ना सप्तक क्वाथ.
ii. वेदनाहर (Analgesic) औषधियाँ -
• वत्सनाभ, गोदन्ती, जातीफल (Dolid tab);
• तगर, पारसीक यवानी, रक्तमरिच, जातीफल (DeAlco tab)
II. धात्वाग्नि-साम्यक् औषधियाँ (Drugs to restore normal metabolism):
जोड़ों में होने वाली सूजन व दर्द कम होने के बाद, निम्न औषधियों के द्वारा, धात्वग्नि-क्रिया में साम्यता ला कर यूरिक ऍसिड (Uric acid) की उत्पत्ति को कम करना चाहिए -
• भूम्यामलकी (Phylocil tab);
• काकमाची, शरपुंखा, भूम्यामलकी (Livie tab);
• गुडूची - Guduchi ext tab, संशमनी वटी, अमृता-गुग्गुलु;
• मधुयष्टी - Madhuyashti ghan tab / यष्ट्यादि चूर्ण;
• आमलकी - Amalaki ghan tab;
• निम्ब - Nimba ghan tab, निम्बादि चूर्ण पञ्चतिक्त-घृत-गुग्गुलु
III. संशोधन औषधियाँ (Purificatory drugs):
उपरोक्त औषधियों के साथ-साथ, निम्न औषधियों से यूरिक ऍसिड का उत्सर्जन (Excretion) बढ़ाना चाहिए -
• कासनी - Kasani ghan tab;
• भृंगराज - Bhringaraj ghan;
• कालमेघ - Kalmegh ghan tab;
• कटुकी - Katuki tab, पञ्चतिक्त-घृत-गुग्गुलु; आरोग्यवर्धिनी;
• वरुण, पाषाणभेद, शिलापुष्प - Uristonz tab;
• पुनर्नवा - Punarnava ghan tab, पुनर्नवाष्टक क्वाथ;
• हरीतकी - Haritaki ghan tab, एरण्ड-भृष्ट हरीतकी;
• एरण्डतैलम् - Castor oil
IV. पथ्याथ्य (Lifestyle):
1. पथ्य (Do's):
काॅफ़ी, अल्प-वसा दुग्ध (Low fat milk), आमला, संतरा, निम्बू ।
2. अपथ्य (Don'ts):
मांसाहार, मत्स्याहार, मद्यपान, मांसवर्गीय आहार (Purine-rich) द्रव्य (दालें, मटर, चना, राजमाश), फलशर्करा (Fructose), यूरिक ऍसिड बढ़ाने वाली अंग्रेजी दवाएँ।
डाॅ.वसिष्ठस् आयुरैमॅडीज़