बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी घरेलू दरों पर बिजली का बिल देना होगा

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

सार

बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी घरेलू दरों पर बिजली का बिल देना होगा। अगर उन्होंने रियायत का दुरुपयोग करने की कोशिश की तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

विस्तार

उत्तर प्रदेश में रियायती बिजली का इस्तेमाल कर रहे विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए घरेलू उपभोक्ताओं की दरें लागू होंगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से जारी 2022-23 के टैरिफ आर्डर में विभागीय कर्मियों को घरेलू उपभोक्ता की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि  आयोग ने विभागीय कर्मियों की अलग श्रेणी 2016-17 में ही समाप्त कर दी थी, लेकिन छह साल बाद भी न तो इनके यहां मीटर लग सके और न ही घरेलू उपभोक्ताओं के लिए तय दरों पर वसूली हो पा रही है।

नियामक आयोग ने अब कड़ा रुख अपनाते हुए बिजली कंपनियों को 31 मार्च 2023 तक सभी विभागीय कर्मियों व पेंशनरों के यहां मीटर लगाकर आम उपभोक्ताओं की तरह बिलिंग करने के निर्देश दिए हैं। मीटर लगने तक  रियायती बिजली की सुविधा का दुरुपयोग मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
अगर इस बार आयोग अपने आदेश पर अमल कराने में कामयाब रहता है तो बिजली कर्मचारी व पेंशनर्स ज्यादा दिन तक रियायती दर पर असीमित बिजली का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। वहीं रियायती बिजली का इस्तेमाल करने वालों को हलफनामा देना होगा कि वह इसका केवल अपने लिए घरेलू इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी कार्मिक का तबादला होने पर उसे नए तैनाती स्थल पर हलफनामा देना होगा कि उसका दूसरी जगह कनेक्शन नहीं है। अभी विभागीय कर्मियों व पेंशनर्स की बिजली पर हर साल 450 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो रहे हैं।
86 हजार कर्मचारी व पेंशनर्स को मिल रही सुविधा
मौजूदा समय में रियायती बिजली की सुविधा प्राप्त करने वाले बिजलीकर्मियों व पेंशनरों की संख्या करीब 86 हजार है। अलग श्रेणी समाप्त किए जाने से पहले अलग-अलग स्तर के विभागीय कर्मियों व पेंशनर्स के लिए 160 रुपये से लेकर 600 रुपये प्रतिमाह फिक्स चार्ज तय था। इसके अलावा गर्मियों में एसी के लिए 600 रुपये प्रति एसी के हिसाब से भुगतान का प्रावधान था।