क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
लखनऊ. सरकार गोरखपुर, गाजियाबाद, कन्नौज, प्रयागराज और आगरा में नार्को और लाइ डिटेक्शन टेस्ट लैब खोलेगी। अगस्त के पहले हफ्ते में पहले फेस में गोरखपुर, गाजियाबाद और कन्नौज में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
अब झूठ को पकड़ने के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार नई योजना के तहत सूबे के पांच जिलों में झूठ को पकड़ने वाली मशीन लगाने जा रही है। सरकार गोरखपुर, गाजियाबाद, कन्नौज, प्रयागराज और आगरा में नार्को और लाइ डिटेक्शन टेस्ट लैब खोलेगी। अगस्त के पहले हफ्ते में पहले फेस में गोरखपुर, गाजियाबाद और कन्नौज में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। दूसरे चरण में प्रयागराज और आगरा में इस व्यवस्था को लागू की जाएगी। अभी तक नार्को और लाइ डिटेक्शन (पालीग्राफ) टेस्ट की सुविधा सिर्फ लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में ही है।

नार्को और लाइ डिटेक्शन बताता है सच है या झूठ
इस टेस्ट में फोरेंसिक एक्सपर्ट, एक फिजीशियन डाक्टर के साथ अपराधी को लैब में बैठाया जाता है। फिजीशियन एक घोल अपराधी को पिलाते हैं। जिसके बाद वह अर्धनिद्रा में चला जाता है। उसके समक्ष एक्सपर्ट संबंधित घटना को ब्रीफ करते हैं। जिसके बारे में सच उगलवाना होता है। इसके बाद अपराधी घटना से जुड़ी सारे सही तथ्य बताने लगता है।
इस टेस्ट में अपराधी को ईसीजी टेस्ट की तरह यंत्र लगाए जाते हैं। फिर एक्सपर्ट उससे संबंधित घटना से सवाल करते हैं। आरोपी जवाब देता है। अगर वह झूठ बोलता है तो उसकी पल्स बढ़ने लगता है। और सामने स्क्रीन पर होने वाली हलचल बता देती है कि आरोपी का झूठ बोल रहा है या सच।
लखनऊ है नार्को और लाइ डिटेक्शन टेस्ट
निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला उत्तर प्रदेश निदेशक अतुल कुमार मित्तल ने बताया कि, नार्को और लाइ डिटेक्शन टेस्ट प्रदेश में अब तक लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में होता था। सरकार के निर्देश पर अगस्त से यह टेस्ट पहले चरण में गोरखपुर, गाजियाबाद और कन्नौज में शुरू होगा। दूसरे चरण में आगरा और प्रयागराज में। इसके लिए स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।