जब हाथ में कैमरा हो तब भाई फोटो ले ही लो

  क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

फटेहाल स्थिति फैशन
जो कुछ भी हम जानते हैं वो अपने नेत्रों से जानते हैं यदि हम खुली आँख रखते हैं। ये आँखे अनमोल उपहार है और पाँच इंद्रियों में से एक है जिससे अहसास होता है खूबसूरती का महसूस करते हैं बदसूरती का। आँखे अचम्भित होती हैं , ये फैलती हैं तो सिकुड़ती भी हैं। किसी का मन को पसंद आना न आना भी इन्हीं आँखों के अहसास पर निर्भर करता है । क्योंकि आँखों के माध्यम से ही अनुभव दिल तक पहुँचता है। और फिर दिल कहता है जब हाथ में कैमरा हो तब भाई फोटो ले ही लो । तो भैयाजी नीचे वाली फोटो भी कुछ ऐसी ही है ।कमाल है मित्रों हम एक व्यक्ति को पैबंद वाले या फटे पहनावे देखकर फटेहाली का अन्दाज लगा लेते थे ।और वह भी शर्मिंदगी के कारण सिकुड़ता था । आज वही फटेहाल स्थिति फैशन का नाम पा रही है। अनेकों पैबंद लगे और अंदर से झांकता शरीर शर्म नहीं खुशी दे रहा है क्योंकि आज का पहरावे का रिवाज जो है । अनेकों उदाहरण हैं फैशन के परंतु आज के लिए इतना हीकाफी है कि हम संत फकीर सी सोच ले रहे हैं कैसा भी है पहना है ।

अनिलासिंह आर्य
फ़ोटो का कोई वर्णन उपलब्ध नहीं है.