बछड़े को, पानी पिलाना

  क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

बछड़े को, पानी पिलाना
एक दिन की बात है, श्रीकृष्ण और बलराम, दोनों भाई सुबह-सुबह गैया, चराने गए थे।
गाय को चराने के बाद श्रीकृष्ण और बलराम गाय को पानी पिलाने यमुना घाट ले गए।


गाय सब पानी पिने लगी पर एक छोटा सा बछरा था जो पानी नहीं पी रहा वो सिर्फ पानी की तरफ, देख रहा था।
ये सब, श्रीकृष्ण देख रहे थे। ये देखकर, श्रीकृष्ण की आँख में आँसू, आ गए वो रोने लगे।
फिर बलराम ने पूछा क्या हुआ कन्हैया....??
श्रीकृष्ण ने कहा दौ भैया वो बछरा पीना नहीं पि रहा है। और बलराम जी, सब बात समज गए।
बलराम जी ने कृष्ण के पीताम्बर को लिया और यमुना घाट में डुबोया फिर बहार निकलकर कहा...... कन्हैया ये बछरा, तुम्हारे हाथ से, पानी पीना चाहता है। तुम हाथ रखो, मैं पानी डालता हूँ।
श्रीकृष्ण दो हाथ उस बछरे के मुह के पास रखे और बलराम जी ने पीताम्बर निचोड़ा और बछरा कृष्ण के हाथो पानी पिने लगा।
बछरा के, पानी पिने पर, श्रीकृष्ण खुश हो गए, और वो, ख़ुशी से नाचने लगे।उनकी ख़ुशी की कोई सीमा नहीं रही।
इस कहानी का, सार यह है की :- 
एक बछरे के पानी पिने से कन्हैया इतना खुश होता हे तो सोचिये गाय की सेवा से वो कितना खुश होते होंगे..!!