क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
इस संसार की क्या रीति-रिवाज है। जब कोई मानव सरकारी प्रतिनिधि एवं उच्च पद पर पहुंच जाता है, तो हम सभी उसका जन्मदिन मनाने लगते हैं। हम आपस में ही ऐसी स्पर्धा मे लगे रहते हैं। हम उन प्रतिनिधियों या उच्च पद पर आसीन अधिकारियों के सम्मान में सबसे पहले हाजिर हो। परंतु यदि हमें जन्मदिन ही मनाना है, तो ऐसे व्यक्तियों का जन्मदिन मनाइए। जिन्हें एक समय का भोजन नहीं मिलता हो।
यदि हम सब ऐसा करेंगे, तो शायद उस परिवार का और आसपास के ऐसे लोगों का उद्धार होगा, कि उन्हें एक समय का भोजन प्राप्त होगा। परंतु हम सब उन लोगों को एक बार भी याद नहीं करते हैं। क्योंकि वह विचारे अपने जीवन वैसे ही परेशान हैं। वह किसी को कुछ दे नहीं सकते हैं। परंतु याद रखिए, उनके पास देने के लिए सब कुछ है। उनके पास आपको देने के लिए सब कुछ है। वह है, उनकी दुआएं। यदि वह दुआ हम में से किसी को लग गई, तो हम सब इस संसार से तर जाएंगे। जिन व्यक्तियों से हमें कभी भी कुछ मिलने वाला नहीं है। हम केवल उन्हीं को याद करते हैं। उन्हीं का ही जन्मदिन मनाते हैं। यह कोशिश करते हैं, कि यदि इनके साथ हमारा एक फोटो आ जाएगा। हम भी बड़े व्यक्ति बन जाएंगे। परंतु ऐसा कभी नहीं होता हैं। क्योंकि वह आपसे कुछ ले सकते हैं, परंतु आपको कभी कुछ दे नहीं सकते हैं। इस व्यर्थ के जंजाल से अपने को सदा दूर रखिए। ईश्वर पर भरोसा रखिए। उन गरीब व्यक्तियों के कारण ही ईश्वर आपसे प्रसन्न रहेंगे। हम सब जो चाहते हैं। ईश्वर हम सबको उसका फल देंगे.