आपकी बात, रसोई गैस के दामो में बढ़ोतरी का क्या असर हो रहा है? ओपिनियन

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

बिगड़ जाएंगे हालात

रसोई गैस के दामों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है, जिसका असर रसोई के बजट पर पड़ रहा है। खाना पकाना मुश्किल हो गया है। अगर रसोई गैस के दामों में यूं ही बढ़ोतरी होती रही, तो हालात बिगड़ जाएंगे।
आपकी बात, रसोई गैस के दामो में बढ़ोतरी का क्या असर हो रहा है?आर्थिक बोझ बढ़ा
आम उपभोक्ता की गैस सब्सिडी सरकार ने बंद कर दी, जिसके कारण आम आदमी पर आर्थिक भार बढ़ रहा है। कम्पनी अपना नुकसान बता कर जनता पर भार डाल रही है, मगर जनता किस पर भार डाले।
आम आदमी का बजट गड़बड़ाया


महंगाई की मार थमने का नाम नहीं ले रही हैं। घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में लगातार वृद्धि हो रही हैं। सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से लोग पहले से ही परेशान हैं। एक तो पहले से ही जरूरत की चीजें महंगी हो रही हैं। अब एलपीजी के दाम बढऩे से घर का खर्च चलाना काफी मुश्किल हो रहा है। सब्जियों की कीमतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में खाना और पकाना दोनों महंगा हो गया है। आम आदमी की जरूरत की वस्तुओं के बढ़ते दामों से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट गड़बड़ा गया है।
त्रस्त है आम आदमी
रसोई गैस के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने आम आदमी को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया है। गैस पर मिलने वाली सब्सिडी पहले ही बंद हो गई है। केवल उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए सब्सिडी का प्रावधान है। महंगाई से आम आदमी बेहद त्रस्त है।सरकार का रवैया
रसोई गैस में सिलेंडर 50 रुपए महंगा हो गया है। दिनोंदिन बढ़ती महंगाई मध्यमवर्ग को भी गरीबी रेखा की तरफ धकेल रही है। यह देख कर आश्चर्य होता है कि एक तरफ तो सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण की बातें कर रही है और दूसरी तरफ रसोई गैस जैसी प्राथमिक आवश्यकताओं की वस्तुओं की कीमतें बढ़ा रही है। ऐसा लगता है कि वह उन्हें पुन: पारंपरिक ईंधन से खाना पकाने पर बाध्य कर रही है।
आम आदमी की जेब पर भार

रसोई गैस की बढ़ी कीमतों ने गरीब परिवारों पर आर्थिक संकट को और बढ़ा दिया है। महंगाई की मार के साथ गैस की कीमतों ने गृहिणियों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। अब आम आदमी के लिए खाना पकाना भी भारी पड़ रहा है।
ईंधन के लिए अब लकड़ियों का इस्तेमाल
रसोई गैस की कीमत बढऩे से लोगों के जेब पर काफी असर पड़ा है। गरीब वर्ग अब फिर से कंडे तथा लकडिय़ों के ईंधन की ओर वापस लौटने लगे हैं । इन सब का परिणाम होगा प्रदूषण में बढ़ोतरी, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।

जनता में बढ़ रहा है रोष

रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी से गरीब व मध्यम परिवारों की कमर टूट रही है। एक तरफ तो बेरोजगारी बढ़ रही है, दूसरी तरफ महंगाई से मुश्किल बढ़ती जा रही है। इससे जनता में रोष बढ़ रहा है। सरकार को जनता की समस्या की तरफ ध्यान देना चाहिए।
-सी. आर. प्रजापति, हरढ़ाणी जोधपुर

फिर चूल्हे पर रोटी
रसोई गैस के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके कारण उज्ज्वला योजना के तहत जिन गरीबों ने गैस कनेक्शन लिए थे, वे फिर मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं।
-सोनू जाटव, गुना, मप्र