क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
गाजियाबाद। पौधरोपण अभियान के तहत जिले में लगभग 10 लाख पौधे लगाए गए हैं लेकिन ढाई हजार पेड़ों को शहर में लगाने की जगह नहीं मिली है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) नया कांवड मार्ग बनाने जा रहा है, जिसके बीच में वन विभाग के ढाई से तीन हजार पेड़ आ रहे हैं। इन पेड़ों को काटा जाना है और इसके एवज में गाजियाबाद में स्थान ना होने की बात कहके मिर्जापुर और ललितपुर में पेड़ लगाए जाएंगे।
मुरादनगर से मेरठ मुजफ्फरनगर तक करीब 111 किलोमीटर लंबी गंगनहर पटरी बननी है। जिसमें गाजियाबाद का लगभग 12.5 किलोमीटर क्षेत्र पड़ेगा। इस क्षेत्र में वन विभाग का ढाई हजार पेड़ आ रहा है। वन विभाग का कहना है कि यह सभी पेड़ ग्रीन बेल्ट के वन विभाग के पेड़ हैं। इनको लगाने की यहां जगह ना होने की वजह से केंद्र सरकार इनको मिर्जापुर- ललितपुर में लगाने की योजना बना रहा है हालांकि गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर सहित अन्य कई जिलों तक यह सड़क बनेगी, जिसमें लगभग एक लाख पेड़ काटे जाएंगे।
धरा को हरा-भरा बनाने के लिए पांच जुलाई को जिले में वृहद स्तर पर पौधरोपण किया गया था। सभी विभागों ने मिलकर लगभग 7.5 लाख पौधे लगाए। एनडीआरएफ, सिद्धार्थ विहार, वसुंधरा, वैशाली, कविनगर समेत सभी जोन के पार्कों में बड़े स्तर पर पौधे लगाए। सिटी फॉरेस्ट, मुरादनगर, मोदीनगर और सभी ग्राम पंचायतों में पौधे लगाए गए थे। जिले में इस बार 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था जिसमें से बाकी बचे लगभग तीन लाख पौधे 15 अगस्त तक आर्डिनेंस फैक्ट्री मुरादनगर सहित अन्य स्थानों पर लगाया जाएगा।
योजना का प्रारूप तैयार है। काटने वाले पेड़ों को मिर्जापुर ललितपुर में लगाने की योजना है लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से इस प्रस्ताव को फाइनल नहीं किया गया है। जिले में अब वन क्षेत्र का स्थान नहीं है इसलिए इन पेड़ों को अन्य जिलों में ही लगाया जा सकता है।प्रभारी डीएफओ आशुतोष पांडे