खतरनाक घोषित इमारतों में कई सरकारी भवन भी शामिल

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141 

नगर निगम का जोनल कार्यालय  भी लिस्‍ट में शामिल.

गाजियाबाद. मानसून आ चुका चुका है पर शहर की खतरनाक घोषित 122 इमारतों अब भी लोग रह रहे हैं या फिर कामकाज चल रह है. इन खतरनाक घोषित इमारतों में कई सरकारी भवन भी शामिल हैं. तेज बारिश या भूकंप के झटके में नगर निगम का विजयनगर जोन कार्यालय, बागू-क्रिश्चयन नगर का सरकारी स्कूल और वैशाली के बिजलीघर समेत 122 भवन गिर सकते हैं. नगर निगम ने बीते साल शहर में 90 भवनों को खतरनाक श्रेणी में चिह्नित किया था, इस साल इनकी संख्या बढ़कर 122 हो गई है. नगर निगम के निर्माण विभाग ने इन भवनों की सूची शासन और केंद्र सरकार को भेजी है. लेकिन अभी तक इन भवनों को न तो खाली कराया गया और न ही गिराया गया है.


मानसून से केंद्र सरकार का आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से हर साल नगर निगम से शहर में जर्जर इमारतों को चिह्नित कराकर लिस्‍ट मांगी जाती है. नगर निगम के निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने कविनगर, सिटी, वसुंधरा, मोहननगर और विजयनगर जोन में जर्जर भवनों का सर्वे किया. इसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी गई है. नियमों के अनुसार इन जर्जर मकानों को नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से खाली कराया जाना चाहिए, जिससे हादसा होने की स्थिति में जानमाल का नुकसान न हो. लिस्‍ट में शामिल होने के बावजूद किसी भी विभाग के अधिकारी इन्हें खाली कराने की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
वैशाली का कल्पना अपार्टमेंट, कल्पना सोसायटी, अलखनंदा टावर, मंदाकिनी टावर, सरयू और सतलुज टावर, वैशाली सेक्टर-1 स्थित कामना अपार्टमेंट के भवन, वाल्मीकि कुंज के 26 फ्लैट, नंदग्राम स्थित बी ब्लॉक के सात मकान, डी-ब्लॉक के मकान, नंदग्राम स्थित वैम्‍बे कॉलोनी के 38 मकान, बसौला पट्टी मोहल्ला स्थित कन्या पाठशाला भाग-2, नगर निगम का विजयनगर जोनल कार्यालय, क्रिश्चयन नगर प्रमुख भवन में शामिल हैं..

निगम ने कहा, गिराने का अधिकार नहीं है

गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्‍त महेन्‍द्र सिंह तंवर ने कहा कि नगर निगम की ओर से जर्जर भवनों की सूची तैयार कर डीएम, शासन और केंद्र सरकार को भेज दी गई है. इन भवनों को गिराने का अधिकार नगर निगम के पास नहीं है. प्रशासन ही कार्रवाई कर सकता है.