हल्दीघाटी के युद्ध में, दुश्मन खेमे में कोहराम मचाया था

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

 हल्दीघाटी
शोणित धरती, गंध गुलाबी, यह चंदन की भांति है,
मांग भरो और तिलक करो,   यह सिंदूरी माटी है।
शीश कटा पर झुका नहीं रणभूमि यह हल्दीघाटी है।।



गौरव की भूमि #हल्दीघाटी वीरों की भूमि राजस्थान के एकलिंगजी से लगभग २० किमी दूरी पर है। यह राजस्थान का ऐतिहासिक जनपद उदयपुर से लगभग ४० किमी दूरी पर है। हल्दीघाटी दर्रा अरावली पर्वतश्रृंखला के खमनोर व बलिचा गांव के मध्य स्थित है। यह राजस्थान के राजसमंद और पाली जिलों को जोड़ता है। इसकी मिट्टी सिंदूरी और हल्दी(पीले) रंग की है इसलिये इसे हल्दीघाटी कहा जाता है।

हल्दीघाटी के युद्ध में, दुश्मन खेमे में कोहराम मचाया था।
देख वीरता मां भारती के सपूतों की, शत्रु भी थर्राया था।
-हजारों की संख्या थी, लाखों की संख्या में झमेले थे।।*
-सतीश कुमार लाल दास