बकरीद पर लाखों की कुर्बानी: इतने में बिके 'तैमूर' और भोपाल का 'गुंडा', खाते हैं दूध-घी, मक्खन और जड़ी-बूटियाँ

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

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समय बाजार में बकरों के दाम आसमान छू रहे हैं। यह वह समय है जब बकरी पालन करने वाले बकरों को ऊंचे दामों में बेचते हैं। कुछ बकरे तो बाजारों में लाखों एम बिकते हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भोपाल में एक बकरा 7 लाख रुपए का बिका है। यह बकरा कोटा प्रजाति का है, जिसका नाम टाइटन है।


मुस्लिम समाज का सबसे प्रमुख त्यौहार बकरीद जल्द ही आने वाला है। बाजारों में अलग ही रौनक देखने को मिल रही है। इस समय बाजार में बकरों के दाम आसमान छू रहे हैं। यह वह समय है जब बकरी पालन करने वाले बकरों को ऊंचे दामों में बेचते हैं। कुछ बकरे तो बाजारों में लाखों एम बिकते हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भोपाल में एक बकरा 7 लाख रुपए का बिका है। यह बकरा कोटा प्रजाति का है, जिसका नाम टाइटन है। इस बकरे को पालने वाले किसान सैयद शाहेब अली ने दावा किया है कि उन्होंने बकरे को घी, मक्खन और जड़ी बूटियां खिलाकर पाला है।

इसके अलावा, भोपाल में गुंडा और तैमूर नाम के बकरे भी लाखों में बिके हैं। गुंडा नाम के बकरे की कीमत 2।5 लाख और तैमूर की कीमत 2 लाख लगाई गई है। इन दोनों का रखरखाव भी शाहेब अली ने ही किया है। इन तीनों बकरों को पुणे के रहने वाले माज खान ने खरीदा है। उन्होंने बताया कि आने वाली बकरीद के लिए उन्होंने हैदराबाद से लेकर कश्मीर तक अच्छी नस्ल के महंगे बकरे देखे लेकिन उन्हें कोई पसंद नहीं आया। किसी ने उन्हें बताया कि भोपाल में भी अच्छी नस्ल के बकरे मिलते हैं तो वे यहां बकरे खरीदने चले आए।

शाहेब अली ने बताया कि वे तीन साल पहले कोटा से 15 बकरे लेकर आए थे। वे इन बकरों को चना, बाजरा, दूध, घी, मक्खन और जड़ी बूटियां आदि खिलाते हैं। उन्होंने बताया कि कोटा नस्ल के तीन बकरों में से टाइटन, गुंडा और तैमूर जब बड़े हुए तो मजबूत शरीर और शानदार कद काठी वाले निकले।

इन तीन बकरों को खरीदने वाले पुणे निवासी माज खान ने बताया कि उनके पास खुद का गोट फार्म है। इस साल वे कश्मीर, हैदराबाद और सूरत तक घूम आए लेकिन उन्हें इंडियन ब्रीड नहीं मिले। भोपाल आकार उन्हें कोटा प्रजाति के तीन बकरे मिले। बकरीद के मौके पर सबसे शानदार बकरे की कुर्बानी दी जाती है, जिसकी तलाश पूरे साल रहती है। इस पर 8 से 10 हजार रुपए खर्च हो जाते हैं। कोरोना के बाद किसान इंडियन ब्रीड के बकरे तैयार नहीं कर रहे हैं इसलिए इनकी कीमतें बढ़ गई हैं।