क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
क्या आप जानते हैं...कश्मीर मे ...वहां शांति और सौहार्द का वातावरण बनाने के लिए भारत सरकार तुलनात्मक दृष्टि से भारत के अन्य प्रदेशों से बहुत ज्यादा...आर्थिक मदद/पैकेज अभी तक कश्मीर के लोगों के लिए देती आई थी...परंतु भारत सरकार की दरियादिली के होने के बाबजूद क्या आप जानते हैं...कश्मीर मे ...वहां शांति और सौहार्द का वातावरण बनाने के लिए भारत सरकार तुलनात्मक दृष्टि से भारत के अन्य प्रदेशों से बहुत ज्यादा...आर्थिक मदद/पैकेज अभी तक कश्मीर के लोगों के लिए देती आई थी...परंतु भारत सरकार की दरियादिली के होने के बाबजूद लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई ...वहां की बहुसंख्यक 100% आबादी...पाकिस्तान के ही गुणगान करती आई है..और अल्पसंख्यक समुदाय को 1988 से लेकर आज तक पलायन करने को मजबूर करती है, अल्पसंख्यकों का जेनोसाइड और उनकी महिलाओं के साथ बर्बरता/बलात्कार करती आई है, उनके लिय कश्मीर सभी अल्पसंख्यक काफिर है..और उनकी मजहबी किताबों में काफिरों का कत्ल जायज है..उनके औरतों के साथ सामूहिक बलात्कार करना सही है, उन्हें गुलाम/रखैल बनाकर रखना उनके मजहब का हिस्सा है ...ऋषि कश्यप की तीर्थ स्थली, कर्म स्थली का विनाश कर दिया है... और वहां कुछ जयचंद भी उनके स्लीपर सेल है..जो उनके पैसों के बदले मदद करते रहते हैं... इन बहुसंख्यक आबादी की सोच सहज लोकतांत्रिक तरीकों से तो होनी वाली नही...ऊपर से जय चंदों की फौज भी उनका साथ देती है चंद पैसों के लिए... हालांकि ऐसे स्लीपर सेल के रूप में कई जयचंद भारत के अन्य प्रदेशों में भी मिलते रहते हैं...भारत को बदनाम करने का कोई मौका खाली नहीं जाने देना चाहते... इन स्लीपर सेल जयचंदों का भी पकड़ा जाना अति आवश्यक है...दंडित करना उन्हें जरूरी है ..भारत में ईमानदार लोकतंत्र के लिए बहाल नहीं हो पाई ...वहां की बहुसंख्यक 100% आबादी...पाकिस्तान के ही गुणगान करती आई है..और अल्पसंख्यक समुदाय को 1988 से लेकर आज तक पलायन करने को मजबूर करती है, अल्पसंख्यकों का जेनोसाइड और उनकी महिलाओं के साथ बर्बरता/बलात्कार करती आई है, उनके लिय कश्मीर सभी अल्पसंख्यक काफिर है..और उनकी मजहबी किताबों में काफिरों का कत्ल जायज है..उनके औरतों के साथ सामूहिक बलात्कार करना सही है, उन्हें गुलाम/रखैल बनाकर रखना उनके मजहब का हिस्सा है ...ऋषि कश्यप की तीर्थ स्थली, कर्म स्थली का विनाश कर दिया है... और वहां कुछ जयचंद भी उनके स्लीपर सेल है..जो उनके पैसों के बदले मदद करते रहते हैं...
इन बहुसंख्यक आबादी की सोच सहज लोकतांत्रिक तरीकों से तो होनी वाली नही...ऊपर से जय चंदों की फौज भी उनका साथ देती है चंद पैसों के लिए...
हालांकि ऐसे स्लीपर सेल के रूप में कई जयचंद भारत के अन्य प्रदेशों में भी मिलते रहते हैं...भारत को बदनाम करने का कोई मौका खाली नहीं जाने देना चाहते... इन स्लीपर सेल जयचंदों का भी पकड़ा जाना अति आवश्यक है...दंडित करना उन्हें जरूरी है ..भारत में ईमानदार लोकतंत्र के लिए