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प्रकृति प्रेमी आजीवन स्वस्थ रहता है - विजय पाल बघेल
अपने शरीर की देखभाल स्वयं करने से हम आजीवन स्वस्थ रह सकते हैं - सीमा शर्मा
ग़ाज़ियाबाद, आशीष वाल्डन. सोमवार, 27-06-2022. अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान रजि. के तत्वावधान में सिटी पार्क,स्वर्ण जयंती पुरम में आयोजित बाल योग एवं संस्कार शिविर के चौथे दिन श्री सुंदर सिंह जी ने ओम की ध्वनि और गायत्री मंत्र का उच्चारण बाल साधकों को करवाया उन्होंने सूक्ष्म व्यायाम हाथों,पैरों,गर्दन,घुटने के करवाए और इसके लाभों की चर्चा की।
संस्थान के अध्यक्ष श्री केके अरोड़ा जी ने योग मुद्रासन और आंखों की दृष्टि स्थिर रखने हेतु चक्षु व्यायाम बच्चों को करवाए।
योग शिक्षिका डॉ ममता त्यागी जी ने बच्चों को प्राणायाम भ्रामरी और अनुलोम-विलोम करवाया।
विशेष आमंत्रित हरित क्रांति के विशेषज्ञ श्री विजयपाल बघेल जी ने नारा दिया सांसे हो रही है कम आओ पेड़ उगाएं हम।उन्होंने कहा कि आज के भागदौड़ भरे जीवन मे हम प्रकृति से दूर होते जा रहे है,प्रकृति के माध्यम से शरीर स्वस्थ रखा जा सकता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है।उन्होंने आगे कहा कि प्रकृति में इस शरीर को स्वस्थ रखने के अनेक गुण है।जितने भी पशु-पक्षी है वे प्रकृति के समीप रहते है इसलिए वे रोग रहित रहते हैं।
शिविर संयोजिका एवं मंच संचालिका श्रीमती सीमा शर्मा जी ने नारियल के पानी व पेठे के रस के उपयोग के लाभ बताए और कहा कि जिस प्रकार हम अपनी गाड़ी की देखभाल करते है,उसी प्रकार अपने शरीर की देखभाल भी हमे स्वयं करनी चाहिए। उन्होंने जोर दे कर कहा कि प्राकृतिक जीवन शैली को अपना कर ही हम आजीवन स्वस्थ रह सकते है।उन्होंने प्रतिदिन प्रातः काल 50 तालियां बजाने का परामर्श दिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री ओमवीर सिंह आदि मौजूद रहे।