आवास विकास परिषद के अधिकारियों पर आरोप, निजी बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना रजिस्ट्री ही लोगों को फ्लैट का कब्जा दे दिया

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

दस्तावेज हुए गायब, कई अधिकारियों पर गिरेगी गाज

साहिबाबाद: अवैध निर्माण और निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग के आरोपों के बाद अब आवास विकास परिषद के अधिकारियों पर एक बड़ा आरोप लगा है। निजी बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना रजिस्ट्री ही लोगों को फ्लैट का कब्जा दे दिया गया। परिषद अधिकारियों ने इसकी अनदेखी की और सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई। मामले की जांच के लिए लखनऊ से टीम पहुंची तो अब कई और गड़बड़ियां सामने आ रहीं हैं। जांच में सामने आया है कि अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और फाइल गायब कर दीं हैं। दरअसल, आवास विकास परिषद ने वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार में कई बिल्डरों को ग्रुप हाउसिग के प्लाट बेचे थे। जमीन की कुल कीमत की 20-40 प्रतिशत तक रकम लेकर जमीन का कब्जा बिल्डरों को दे दिया गया। बिल्डरों ने परिषद की जमीन की रकम चुकाए बिना ही यहां फ्लैट बनाकर आवंटियों को बेच दिया। इतना ही नहीं जमीन की रजिस्ट्री नहीं थी तो आवंटियों को भी बिना रजिस्ट्री कब्जा दे दिया गया।


नहीं मिले दस्तावेज: सूत्रों की मानें तो टीम ने जब तमाम बिल्डरों के आवेदन और दस्तावेजों की जांच की तो फाइलों में दस्तावेज थे ही नहीं। इस बाबत जब कर्मचारियों से पूछा गया तो उन्होंने भी इसकी जानकारी होने से इन्कार कर दिया। अब जांच टीम मामले में उन अधिकारियों को तलब कर सकती है जो इन दस्तावेजों के लिए जिम्मेदार हैं। सूत्रों की मानें तो दो-तीन अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंताओं पर इस मामले में गाज गिर सकती है।

शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई: रजिस्ट्री न होने पर आवंटियों ने शिकायत की तो भी परिषद अधिकारियों की नींद नहीं टूटी। अधिकारियों ने बिल्डरों को नोटिस तो भेजे लेकिन बिना रजिस्ट्री के फ्लैटों पर कब्जा देने से नहीं रोका। इतना ही नहीं लगातार कागजी कार्रवाई में लगे रहे। सूत्रों की मानें तो कई अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ साठगांठ कर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की चपत लगा दी।

एफएआर में की गई गड़बड़ी: सूत्रों की मानें तो जांच कमेटी की रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां सामने आईं हैं। वसुंधरा सेक्टर 13 के एक प्रोजेक्ट में बिना अनुमति के ही कई अवैध फ्लैट बना दिये गए। इतना ही नहीं एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) के नियमों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया। किसी भी प्रोजेक्ट में सही निर्माण करवाने की जिम्मेदारी परिषद के अधिकारियों की होती है। इसके बावजूद अधिकारियों ने देखकर भी प्रोजेक्ट में हो रहे गलत निर्माणों की अनदेखी की। सूत्रों की मानें तो वसुंधरा सेक्टर दो व तीन और सिद्धार्थ विहार में भी एक बड़े बिल्डर को फायदा पहुंचाते हुए अवैध निर्माण होने दिया गया।

स्टांप मामले में लखनऊ से आई टीम जांच कर रही है। जल्द ही टीम जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही पूरी स्थित स्पष्ट हो सकेगी कि कौन दोषी है। - केशव राम, सहायक आवास आयुक्त