क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

रूस और यूक्रेन के बीच जंग पिछले तीन करीब तीन महीने से छिड़ा है। दोनो ओर से युद्ध में घातर और नए-नए हथियार इस्तेमाल किए जा रहे हैं। एक ओर जहां रूस की हाइपरसोनिक मिसाइल जंग में कहर ढा रही है तो वहीं पश्चिमी देशों से मिले हथियारों के जरिए यूक्रेन की सेना भी अपना दम दिखा रही है। लेकिन जो हथियार इस युद्ध में सबसे ज्यादा चर्चा में आया है वो तुर्की का ड्रोन टीबी-2 है। यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी फौज में भारी तबाही मचाने वाला ये ड्रोन अब भारत की परेशानी बढ़ा सकता है। इसके पीछे की वजह है भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान। आप कह रहे होंगे कि आखिर अब पाकिस्तान ने क्या कर दिया। दरअसल, पाकिस्तान की एयरफोर्स के पास भी ये ड्रोन पहुंच चुका है।
सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा
भारत के खिलाफ अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुटा है। पाकिस्तान के इस काम में उसकी सहायता चीन के बाद उसका दूसरा सबसे सदाबहार दोस्त तुर्की कर रहा है। हाल में ही पाकिस्तान एयरफोर्स बेस की सैटेलाइट तस्वीर से इस बात का खुलासा हुआ है। सैटेलाइट तस्वीरों में तुर्की से खरीदा गया टीबी-2 ड्रोन पाक एयरफोर्स बेस में नजर आया। ड्रोन के पास ही इसका कंट्रोल और कमांड सेंटर भी दिखाई दे रहा है। जिस लोकेशन पर ड्रोन देखा गया है वहां से उड़ान भरने के बाद ये आसानी से कश्मीर और पंजाब की सीमा पर गश्त लगा सकता है।
मोस्कवा को डूबाने में इसी ड्रोन का हाथ
पाकिस्तान या फिर तुर्की की तरफ से इस ड्रोन की डील का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन इस साल मार्च में पाकिस्तान एयरफोर्स की ओर से चाइनिज फाइटर जेट जेएफ 10 की इंकस्शन सेरेमनी के मौके पर एक वीडियो जारी किया गया था। इस वीडियो में पाकिस्तानी वायुसेना की ताकत को दिखाया गया था। जिसमें तुर्की का ये ड्रोन भी शामिल था। जिसके बाद ही ये कयास लगाए जाने लगे थे कि पाकिस्तान तुर्की से इस ड्रोन को हासिल कर चुका है। बता दें कि तुर्की के इसी टीबी 2 ड्रोन ने रूस को कई गहरे जख्म दिए हैं। यूक्रेन का दावा है कि इस ड्रोन ने रूस के सैकड़ों टैंकों, आर्मर्ड व्हीकल और मिलिट्री बेस को निशाना बनाया है। रूस के महाशक्तिशाली युद्धपोत मोस्कवा को भी डूबाने में इसी ड्रोन का हाथ बताया जाता है।