मनुस्मृति

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

मनुस्मृति


🍃ऋणे देये प्रतिज्ञाते पञ्चकं शतमर्हति।

अपहवे तद्विगुणं तन्मनोरनुशासनम् ॥ १३९॥

वशिष्ठविहितां वृद्धिं सृजेद्वित्तविवर्धिनीम्।

अशीतिभागं गृह्णीयान्मासाद्वार्घुषिकः शते॥१४०॥

⚜️यदि ऋनी सभा में महाजन का रुपया देना क़बूल करे तो सैकड़े पांच दण्ड देने योग्य है। और इन्कार करे तो सैकड़े दश दण्ड देवे।वशिष्ठ के नियमानुसार सैकड़े का प्स्सीवां भाग ( सवा रुपया सैकड़ा ) व्याज लेवे.