आइपीएल मीडिया अधिकार की बिक्री का अर्थशास्त्र (सम्पादकीय)

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

(सम्पादकीय)

आइपीएल मीडिया अधिकार की बिक्री का अर्थशास्त्र

आइपीएल मीडिया अधिकार की बिक्री का अर्थशास्त्र यह है कि 2023 से 2027 तक पांच सीजन की कम से कम ब्राडकास्ट कीमत 48,390.5 करोड़ रुपए। स्टार इंडिया ने 2017-22 के मीडिया अधिकार के लिए जो 16347.5 करोड़ दिए उससे लगभग 2.96 गुना है। अगर प्रति मैच कीमत की बात करें तो सिर्फ एनएफएल ऊपर है आइपीएल से। पांच सीजन में कम से कम 410 आइपीएल मैच की गारंटी दी है बीसीसीआइ ने और पैसे का यह गणित, मैच की इसी गिनती पर आधारित है।

जब स्टार ने पिछले पांच सीजन के मीडिया अधिकार खरीदे थे तो बोर्ड ने उन्हें प्रति सीजन 60 मैच की गारंटी दी थी। 2022 सीजन में मैच की गिनती बढ़कर 74 हो गई- दो नई टीम जुड़ने से। मैच 60 थे तब भी शोर हो रहा था कि आइपीएल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर असर डाल रहा है- जिन विदेशी क्रिकेट बोर्ड को इससे फायदा हो रहा था, वे चुप थे और जिनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैलेंडर या अपने देश में टी 20 लीग के आयोजन पर दबाव पड़ रहा था- वे शोर मचा रहे थे। इससे कोई फायदा नहीं हुआ।

अब जबकि पांच सीजन में 410 मैच खेलने हैं (2023 और 2024 में 74-74 मैच, 2025 और 2026 में 84-84 मैच और 2027 में 94 मैच) तो दो बातें साफ हैं। पहली- हर सीजन में आइपीएल के लिए ज्यादा दिन की जरूरत है और बोर्ड ने भी इसकी पुष्टि कर दी है ढाई महीने की विंडो की बात कहकर। दूसरी- 94 मैच तक पहुंचना है तो ज्यादा दिन तो लगेंगे ही, टीम की गिनती 10 से बढ़कर 12 हो सकती है अन्यथा एक सीजन में दो आइपीएल भी खेल सकते हैं। ये सारा हिसाब इतना मुश्किल नहीं है कि अब तक आइसीसी या अन्य दूसरे देशों के क्रिकेट बोर्ड की समझ में न आया हो।

इसलिए जहां एक तरफ भारत का क्रिकेट बोर्ड बात कर रहा है, हर सीजन में ढाई महीने की आइपीएल विंडो की, अपनी आदत के मुताबिक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर इसके गलत प्रभाव की दुहाई दे कर, विरोध का बिगुल बजाना शुरू कर दिया है।अब भी, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के कैलेंडर पर बढ़ते दबाव का जिक्र होने पर आइपीएल को दोष देने वालों की गिनती कम नहीं है। टकराव बचाने के लिए आइसीसी ने आइपीएल के लिए दो महीने की विंडो रिजर्व की और किसी टी20 लीग के लिए ऐसी विंडो नहीं है। दूसरे शब्दों में, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए साल में 10 ही महीने बचे।

न सिर्फ दूसरे देशों की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, टीम इंडिया खुद जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलती है- उस पर भी तो असर आएगा। यह सोच गलत नहीं कि बीसीसीआइ का नजरिया यह भी हो सकता है कि अगर आइपीएल से इतना पैसा आ सकता है तो कम कमाई वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ही क्यों खेलें? इसीलिए भारत के बोर्ड ने स्पष्टीकरण दिया कि भारत, आइसीसी एफटीपी (फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम) को पूरा करेगा- भारतीय क्रिकेट टीम हमारी पहली जिम्मेदारी है। हम भारत से बाहर खेलते हैं तो दूसरे क्रिकेट देश पैसा कमाते हैं। खेल को दुनिया भर में बढ़ने देना हमारी जिम्मेदारी है।

अगर ज्यादा आइपीएल मैच खेलने हैं और यह भी चाहते हैं कि उतनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते रहें जितनी अब खेल रहे हैं तो ये तय है सभी शीर्ष खिलाड़ी हर मैच में नहीं खेल पाएंगे। भारत अपने बड़े प्लेयर पूल की बदौलत, एक साथ दो संतुलित टीम बना सकता है और अगर अक्सर दोनों टीम साथ खेलती नजर आएं तो कोई हैरानी नहीं होगी।

एनसीए चीफ वीवीएस लक्ष्मण ने 50 खिलाड़ियों का पूल हर समय उपलब्ध होने की बात कह भी दी है- इतनी क्रिकेट प्रतिभा है इस समय भारत में। भविष्य में, भारत का एक साथ दो सीरीज खेलना एक आम बात होगी-टैस्ट टीम एक देश में और सफेद गेंद वाली क्रिकेट के लिए टीम एक अलग देश में। अब भी तो इंग्लैंड और आयरलैंड में अलग-अलग टीम सीरीज खेल रही हैं। कई जानकार इसे आइसीसी के पर कतरने की कोशिश का नाम भी दे रहे हैं- क्या यह आइसीसी को हर साल एक आइसीसी इवेंट का आयोजन करने से रोकने की कोशिश है?

बात चाहे जो भी हो, आइपीएल का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि पारंपरिक क्रिकेट को नुक्सान हो। अभी ही, आरोप है कि आइपीएल का पैसा क्लब बनाम कंट्री बहस शुरू कर चुका है तो न जाने आगे क्या होगा? इस साल ही दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी कैगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी, मार्को जेनसन, एडेन मार्कराम और रस्सी वैन डेर डूसन आइपीएल खेले, बांग्लादेश के विरुद्ध टैस्ट नहीं।

पांच दिन के टैस्ट (भले ही अपने देश के लिए) खेलने से कहीं ज्यादा फायदे का सौदा हैं टी 20 मैच- चार बढ़िया ओवर की गेंदबाजी या बेहतर स्ट्राइक रेट से 30 गेंद का तूफान और बस काम हो गया। अब महंगे मीडिया अधिकार से टीम मालिकों का पर्स बढ़ेगा- वे खिलाड़ियों को पहले से ज्यादा पैसा देंगे और इसलिए अपने देश के लिए खेलने के मुकाबले, आइपीएल को चुनने वाले खिलाड़ियों की गिनती बढ़ेगी। क्रिकेट इस चुनौती के लिए तैयार रहे।